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Puja-Path Niyam: मंदिर से लौटते वक्त भूलकर भी ना करें ये गलती, वरना नहीं मिलेगा पुण्य, जानें क्या है कारण

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सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. घर में पूजा हो या मंदिर में आरती पूजा. हर जगह घंटी को जरुर बजाया जाता है, क्योंकि घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

Puja-Path Niyam: मंदिर से लौटते वक्त भूलकर भी ना करें ये गलती

मंदिर से लौटते वक्त भूलकर भी ना करें ये गलती, वरना नहीं मिलेगा पुण्य, जानें क्या है कारण

हाइलाइट्स

  • मंदिर से लौटते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए.
  • घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है.
  • मंदिर में प्रवेश पर घंटी बजाना शुभ माना जाता है.

Puja-Path Niyam: सनातम धर्म में पूजा-पाठ का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी भक्ति से मन व तन शुद्ध होता है. माना जाता है कि अगर भगवान की पूजा नियमित रुप से विधि-विधान से की जाए तो मनुष्य को सुखों की प्राप्ति होती है. लेकि आपको बता दें कि पूजा-पाठ करने के कई नियम होते हैं, जिनका पालन करने की सलाह दी जाती है.

इन्हीं नियमों में एक नियम यह भी माना जाता है कि जब भी आप कभी मंदिर जाएं तो वहां से लौटते समय घंटी ना बजाएं. मंदिर से लौटते समय घंटी बजाना अच्छा नहीं माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को जो पुण्य मिलना चाहिए वह नहीं मिलता है. लेकिन इसके पीछे क्या कारण है, आइए ज्योतिषाचार्य व वास्तु सलाहकार डॉ अरविंद पचौरी से जानते हैं.

हिंदू धर्म में क्यों बजाई जाती हैं घंटियां
हम जब भी किसी भी मंदिर में जाते हैं वहां हमें सबसे पहले द्वार में जाने से पहले एक बड़ी सी घंटी दिखाई देती है. मंदिर में घंटी को बजाते हुए हम आगे बढ़ते और भगवान के दर्शन करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि मंदिर में लगी ये घंटियां ऐसे ही नहीं लगाई जाती हैं, घंटियों मंदिर में बहुत अहम भूमिका निभाती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले घंटी बजाई जाती है. इसे बजाना शुभता का प्रतीक माना जाता है. साथ ही इससे सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है.

इसके आलावा माना जाता है कि घंटी बजाने से मूर्तियों की चेतना को जागृत किया जाता है. बताया जाता है कि अगर घंटी बजाने से पहले हम ऊं का उच्चारण कर लें तो भी यह शुभ माना जाता है. लेकिन एक बात का ध्यान रखें की घंटी को कभी भी मंदिर से लौटते समय नहीं बजाना चाहिए. इसके पीछे क्या है कारण आए जानते हैं.

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मंदिर से लौटते समय क्यों नहीं बजाई जाती घंटी
शास्त्रों के अनुसार, जब हम मंदिर में प्रवेश करते हैं तो हमारे मन में मौजूद अच्छे-बुरे विचार भी हमारे साथ प्रवेश होते हैं. लेकिन जब जैसे ही हम प्रवेश द्वार पर घंटी बजाते हैं, इससे निकलने वाली तरंगे हमारे अंदर की समस्त नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती हैं. इसके साथ ही जब हम देवी-देवताओं की पूजा या दर्शन करते हैं तो हमारे भाव शुद्ध हो जाते हैं और मंदिर के अंदर की जो सकारात्मकता है वह हमारे अंदर प्रवेश कर लेती हैं.

लेकिन इसके विपरित जब हम मंदिर से दर्शन कर लौटते हैं और तब हम अगर घंटी बजाते हैं तो इससे हमारे अंदर जो भी सकारात्मकता रहती है वो भ्रमित होकर नष्ट हो जाती है और चूंकी बाहर आते समय हमारा मुंह मंदिर के बाहर की तरफ होता है तो ऐसे में जो बाहर की नकारात्मक ऊर्जाएं हैं वो हमारे अंदर प्रवेश कर लेती है. और जो भी पुण्य व सकारात्मकता हमने मंदिर में प्रवेश के दौरान प्राप्त की थी वो वहीं रह जाती है. इसलिए मंदिर से लौटते समय भूलकर भी घंटी नहीं बजाता चाहिए.

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