Ram Navami 2025: चैत्र नवरात्रि के नौवे दिन राम नवमी मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. भगवान राम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे थे. इसलिए रामनवमी पर मध्य दोपहर में भगवान राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए. इसके अलावा ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि राम नवमी के दिन राम नाम का जाप करना भी बहुत अधिक फलदायी माना जाता है. इससे भगवान श्रीराम की विशेष कृपा मिलती है.
लेकिन शायद कई लोग राम नाम का जाप करने की सही विधि नहीं जानते हैं. क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, किसी भी मंत्र को सिद्ध करने के लिए उसका उचित तरह से जाप करना बेहद आवश्यक माना जाता है. वहीं भगवान श्रीराम के नाम का जाप करने से मनुष्य को जीवन मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है व जीवन के कई परेशानियों का हल भी मिलता है. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य व वास्तुसलाहकार डॉ अरविंद पचौरी से जानते हैं भगवान श्रीराम के नाम का जाप करने की सही विधि व नियम.
तुलसीदासजी के अनुसार ऐसे करें मंत्र जाप
गोस्वामी तुलसीदासजी ने रामचरितमानस में लिखा है, ‘कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा।’ इसके अनुसार अगर आप किसी उद्देश्य के साथ राम नाम का जाप करते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर ईश्वर पर सच्चे विश्वास और श्रद्धा के साथ कोई कार्य शुरू करेंगे तो आपको सफलता निश्चित ही मिलेगी. इसलिए जब आप अनुष्ठान करें तो पूरे विश्वास के साथ करें और मन में कभी कोई संदेह ना रखें.
जन्म-मरण के बंधंन से मिलती है मुक्ति
रामनवमी के शुभ अवसर पर राम नाम के स्मरण का विशेष महत्व है. वहीं पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान श्रीराम ने अपने जीवनकाल में ताड़का व अन्य राक्षसों का वध किया और ऋषि मुनियों की रक्षा की, कहते हैं कि जो एक बार राम की शरण में आ जाता है, उसे जन्म-मरण के बंधंन से मुक्ति मिलती है.
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राम नाम जाप करते समय इन चीजों का रखें ध्यान
– अगर आपके मन में कोई इच्छा है जिसे पूरा करने के लिए आप राम नाम का जप करने के इच्छुक हैं तो इसके लिए पुरश्चरण करना चाहिए। पुरश्चरण करने के लिए राम नाम का सवा लाख, चौबीस लाख और सवा करोड़ मंत्र जाप करना चाहिए। इसके लिए कुछ नियम भी होते हैं जिनका पालन करना अनिवार्य हैं। ये नियम इस प्रकार प्रकार हैं
– शास्त्रों के अनुसार, अगर आप राम नाम का जाप कर रहे हैं तो भोजन संबंधी विशेष नियमों का पाल जरूर करें. जिनमें सात्विकता का पालन सर्वप्रथम आवश्यक है.
– जब तक आप राम नाम का जप कर रहे हैं उतने समय तक अंडा, मांस, मछली, शराब, तम्बाकू, सिगरेट आदि चीजों से दूरी बनाकर रखें, ये सभी चीजें तामसिक पदर्थों की श्रेणी में आती है.
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– न केवल जप अनुष्ठान के समय बल्कि हमेशा के लिए अपने जीवन में एक बात की गांठ बांध लें कि कभी भी किसी को कष्ट या दुख ना पहुंचाएं और ना ही किसी के लिए हीन भावना मन में रखें, वरना आपकी साधना का पूरा पुण्य नष्ट हो जाएगा.