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Ramadan 2025: क्या होता है जकात और फितरा? कुल रकम इतने फीसदी देना पड़ता है दान, जानें पूरा तरीका

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Ramadan 2025: रमजान का पार महीने चल रहा है इस महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. इस महीने में जकात और फितरे का भी बहुत बड़ा महत्व है. आइये जानते हैं इसता सही तरीका.

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रमजान में आखिर क्यों जकात और फितरा का बढ़ जाता है महत्व

हाइलाइट्स

  • 60000 रुपये वाले व्यक्ति को फितरा देना फर्ज है.
  • जकात और फितरा गरीबों को दिया जाता है.
  • जकात कुल राशि का 2.5% होता है.

सहरसा. रमजान का पाक महीना चल रहा है इस महीने में इस्लाम धर्म के लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. रमजान में रोजा-नमाज और कुरान पढ़ने के साथ जकात और फितरा देने का भी बहुत बड़ा महत्व होता है. असल में जकात और फितरा क्या है और किन लोगों पर यह फर्ज है इस खबर में हम आपको पूरी जानकारी देंगे और यह भी बताएंगे कि जकात और फितरा कब तक अदा करना होता है.

दरअसल, ईद की नमाज से पहले हर मुसलमान को जकात और फितरा अदा करना होता है यह जकात और फितरा ऐसे लोगों पर फर्ज है जिनके पास 60000 रुपए कैश या 60000 का जेवर है उन लोगों पर जकात और फितरा फर्ज होता है. वहीं अगर कोई मुसलमान जकात देता है तो वह एकदम गोपनीय होना चाहिए. जकात लेने वाले आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को यह एहसास नहीं होना चाहिए कि उसे सार्वजनिक रूप से दान देकर जलील किया जा रहा है, ऐसे में जकात का महत्व कम हो जाता है.

कुल राशि का 2.5 फीसदी हिस्सा होता है जकात
इस्लाम में यह भी कहा गया है कि अल्लाह ताला ने ईद का त्योहार गरीब और अमीर सभी के लिए बनाया है. गरीबी के वजह से लोगों की खुशी में कमी ना आए इसलिए जकात और फितरा देना जरूरी होता है ताकि ऐसे जरूरतमंद लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान आ सके और वह भी खुशी-खुशी ईद का पर्व अपने परिवार के साथ मना सके. इस्लाम में रमजान के पाक महीने में हर हैसियत मंद मुसलमान पर जकात देना जरूरी बताया गया है. आमदनी से पूरे साल में जो बचत होती है, उसका 2.5 फीसदी हिस्सा किसी गरीब या जरूरतमंद को दिया जाता है.

1000 में 25 रुपए होता है फितरा
सहरसा की हटिया गाछी स्थित मस्जिद के इमाम नुरुल्लाह रहमानी ने बताया कि ऐसे लोग जिनके पास 60000 रकम है ऐसे व्यक्ति को फितरा निकलना उन पर फर्ज है. फितरे की रकम गरीब तबके के लोगों को दी जाती है यह भी कहा गया है कि जो लोग रमजान में रोजा रखते हैं और रोजा में जो खराबी आई जिन्होंने झूठ बोल दिया या कोई गुनाह कर दिया जो रमजान के महीने में ये सब नहीं करना चाहिए था अगर रोजा में यह सब काम कर दिया तो इन तमाम गंदगियों से पाक साफ होने के लिए भी फितरा और जकात अदा किया जाता है वहीं 1000 में 25 रुपए फितरा के तौर पर निकाले जाते हैं.

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