Wednesday, September 24, 2025
29 C
Surat

Rangbhari Ekadashi: कब है रंगभरी एकादशी? इस दिन करें ये उपाय, दूर होंगे वैवाहिक कष्ट


Last Updated:

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे रंगभरी एकादशी कहते हैं, 10 मार्च को मनाई जाएगी. इस दिन काशी में भगवान शिव और माता गौरा होली खेलते हैं. व्रत रखने से वैवाहिक कष्ट दूर होते हैं.

X

रंगभरी

रंगभरी एकादशी पर इन उपायों से वैवाहिक रिश्ते में आएगी मधुरता

हाइलाइट्स

  • रंगभरी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी.
  • भगवान शिव और माता पार्वती को गुलाल अर्पण करें.
  • शुभ समय: दोपहर 3:31 से 5:46 और शाम 6:01 से 7:15.

अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. हर महीने दो एकादशी के व्रत रखे जाते है. एक व्रत कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व है, जिसे आमलकी एकादशी कहते हैं. इस एकादशी का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन काशी में भगवान शिव और माता गौरा अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं. इसलिए इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में इस दिन से ही होली का आगाज हो जाता है.

सनातन वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 मार्च को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर हो रही है, जो अगले दिन यानी 10 मार्च को सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार रंगभरी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा.

वैवाहिक कष्ट होंगे दूर
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को गुलाल अर्पण करना चाहिए. इसके अलावा, जिनके जीवन में वैवाहिक कष्ट हैं, उन्हें रंगभरी एकादशी के दिन माता गौरी को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पण करनी चाहिए. इससे वैवाहिक जीवन के सभी दोष दूर होते हैं और जीवन में मधुरता आती है.

यह है शुभ समय
रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव के साथ होली खेलने का सबसे शुभ समय दोपहर 3 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 46 मिनट तक है. इसके अलावा, शाम 6 बजकर 01 मिनट से 7 बजकर 15 मिनट का समय भी सबसे शुभ है.

homedharm

कब है रंगभरी एकादशी? इस खास उपाय से दूर होंगे वैवाहिक जीवन के सभी कष्ट

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img