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Ravivar Surya Puja 2025 shubh yog know surya puja vidhi with mantra and daan ka mahatva | रविवार को चार शुभ योग में सूर्यदेव की पूजा, इस दिन गुड़ और तांबे का दान क्यों है विशेष? जानें कैसे करें व्रत


Ravivar Surya Puja 2025 Puja Vidhi: पौष माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को रविवार का दिन है और यह दिन ग्रहों के राजा सूर्यदेव को समर्पित है. शास्त्रों में सूर्य को आत्मा, पिता, मान-सम्मान और राजसत्ता का कारक कहा गया है. इसलिए रविवार को की गई सूर्य पूजा और दान का विशेष फल बताया गया है. रविवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, सौभाग्य योग, शोभन योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. ज्योतिष में रविवार को सूर्यदेव की पूजा और गुड़ व तांबा दान करने का विशेष महत्व बताया गया है, ऐसा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, निर्णय शक्ति मजबूत होती है, भय, हीन भावना और मानसिक कमजोरी दूर होती है. आइए जानते हैं रविवार की पूजा का महत्व, पूजा विधि और दान का महत्व…

रविवार पंचांग 2025
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय शाम 4 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. इस तिथि पर कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से या फिर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो आप रविवार का व्रत रख सकते हैं. रविवार को दशमी तिथि शाम 6 बजकर 49 मिनट तक रहेगी, इसके बाद एकादशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी. इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा रात 9 बजकर 41 मिनट तक कन्या राशि में रहेंगे. इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे.

रविवार सूर्यदेव की पूजा का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि अगर किसी कारणवश आप व्रत नहीं कर पा रह सकते हैं, तो आप इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में तांबे के लोटे में सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें और इस दिन तामसिक भोजन या फिर बाल कटवाने से परहेज करें. पुराणों के अनुसार, रविवार के दिन व्रत रखने से सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष मिलता है. वहीं, इसे शुरू करने के लिए जातक किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से शुरू कर सकते हैं.

रविवार सूर्यदेव पूजा विधि
रविवार व्रत शुरू करने के लिए आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें, उसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर सूर्यदेव की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद पूजन सामग्री रखें, फिर रविवार के व्रत की कथा सुनें. कथा सुनने के बाद सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके बाद आदित्य स्त्रोत का पाठ करें और ॐ सूर्याय नमः व ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप जरूर करें, ऐसा करने से भी विशेष लाभ मिलता है.

रविवार को इन चीजों का दान करें
रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है. गुड़ व तांबे के साथ-साथ सूर्य से संबंधित चीजें गेहूं और लाल वस्त्र का भी दान करना चाहिए. इन उपायों को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है. एक समय भोजन करें, जिसमें नमक का सेवन ना करें. रविवार के दिन काले या नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए.

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