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Ravivar Surya Puja 2025: रविवार का दिन ग्रहों के राजा सूर्यदेव को समर्पित है. इस दिन विधि विधान के साथ सूर्यदेव की पूजा और मंत्र जप करने से व्यक्ति को राजकीय कृपा, उच्च पद और समाज में सम्मान प्राप्त होता है. साथ ही कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं रविवार को सूर्य पूजा के लाभ, उपाय और पूजा विधि…
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रविवार का दिन पड़ रहा है. रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, जो समस्त ग्रहों के अधिपति और आत्मा के प्रतीक हैं. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, राजसत्ता, स्वास्थ्य, पिता, प्रतिष्ठा आदि का कारक ग्रह बताया गया है. इसलिए रविवार को सूर्य पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में तेज, ऊर्जा, आत्मबल और यश की वृद्धि होती है. साथ ही कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है. सूर्यदेव की वजह से पूरी सृष्टि का संचालन होता है इसलिए सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता माना गया है. आइए जानते हैं सूर्यदेव की पूजा का महत्व, पूजा विधि और शुभ योग…
द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय शाम 4 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस तिथि को विशेष पर्व नहीं है, लेकिन आप दिन के हिसाब से रविवार का व्रत रख सकते हैं. इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे.
रविवार के शुभ योग
9 नवंबर दिन रविवार को अमृत काल, सिद्ध योग, साध्य योग और मालव्य राजयोग बन रहे हैं, जिससे रविवार के दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. इन शुभ योग में व्रत रखकर विधि विधान के साथ सूर्यदेव की पूजा करने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है और सूर्यदेव का आशीर्वाद भी मिलता है.
रविवार सूर्य पूजा का महत्व
अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार व्रत रखने से जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत की शुरुआत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को की जाती है और 12 रविवार व्रत रखने के बाद उद्यापन कर दें. सूर्यदेव को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है इसलिए रविवार सूर्य नारायण की पूजा करने का विधान है. सूर्य देव आत्मा के प्रतीक हैं और नियमित सूर्य नमस्कार व आदित्य हृदय स्तोत्र के जप से आत्मविश्वास बढ़ता है. अगर कुंडली में सूर्य शुभ हो जाए, तो व्यक्ति को राजकीय कृपा, उच्च पद और समाज में सम्मान प्राप्त होता है.
रविवार सूर्य पूजा विधि
रविवार का व्रत विधि-विधान से करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म, स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें.इसके बाद चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें और फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. मान्यता है कि ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र मंत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र ॐ सूर्याय नमः या ॐ घृणि सूर्याय नमः का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है. रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है. इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
