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Reason for Ravan’s Death: नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है और इस दिन पूरे देश में रावण दहन किया जाता है. इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और दुनिया को रावण के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण का वध केवल सीता हरण का परिणाम नहीं था? धर्मशास्त्रों के अनुसार, रावण को मिले 6 श्राप की वजह की वजह से उसका अंत हुआ था…
आज पूरे देश में दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह दिन हर साल हमें भगवान श्रीराम के आदर्शों और रावण के अंत की याद दिलाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंकापति रावण एक महान योद्धा, वेद और शास्त्रों का ज्ञाता है और उसने अपने बल व ज्ञान से स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल सहित तीनों लोकों पर विजय प्राप्त की थी. धर्मग्रंथों के अनुसार, रावण का अंत केवल माता सीता के अपहरण के वजह से ही नहीं हुआ था, उसने इतने लोगों पर अत्याचार किए हैं कि कई लोगों ने उसको श्राप भी दे दिया. कुछ श्राप तो घरवालों ने ही रावण को दे दिए थे, जिसकी वजह से रावण की मृत्यु का मार्ग प्रशस्त हुआ. प्राचीन कथाओं के अनुसार रावण को जीवनभर मिले 6 श्राप उसकी मृत्यु का असली कारण बने. आइए जानते हैं विस्तार से…
पहला श्राप – रघुवंशी अनरण्य का श्राप

दूसरा श्राप – नंदी का श्राप
कथा के अनुसार, लंकापति रावण भगवान शिव का परम भक्त था, एक दिन रावण भगवान शिव से मिलने कैलाश पर्वत पर गया था. कैलाश पर्व पर रावण ने शंकरजी के भगवान के वाहन नंदीजी के स्वरूप की हंसी उड़ाई और बंदर जैसा मुंह वाला बताया था. तब नंदी ने रावण को श्राप दिया कि एक दिन तेरा सर्वनाश बंदरों के कारण ही होगा.
तीसरा श्राप – विष्णु-भक्त महिला का श्राप
कहा जाता है कि एक बार रावण ने विष्णु-भक्त महिला की तपस्या भंग करने का प्रयास किया. क्रोधित होकर उस महिला ने श्राप दिया कि तेरी मृत्यु विष्णु के अवतार के हाथों ही होगी. यही कारण है कि भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया.

चौथा श्राप – अप्सरा रंभा का श्राप
अप्सरा रंभा रावण के भाई कुबेर के बेटे नल कुबेर की होने वाली पत्नी थी लेकिन रावण ने अपनी वासना के लिए रंभा को पकड़ लिया. रंभा ने कई बार कहा कि मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं लेकिन रावण नहीं माना. उसने रंभा के साथ कई बार दुराचार किया. जब यह जानकारी नलकुबेर को मिली तो उसने रावण को श्राप दिया कि एक दिन तुम्हारी मृत्यु एक महिला के कारण ही होगी और तुम्हारे सभी सिरों के टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे.
पांचवां श्राप – शूर्पणखा का श्राप
रावण संपूर्ण विश्व जीतना चाहता था और इसी ख्वाहिश में कालके राजा के साथ युद्ध किया. कालके राजा का सेनापति विद्युतजिह्वा था, जो रावण की बहन शूर्पणखा का पति था. दोनों एक दूसरे से काफी प्रेम करते थे लेकिन कालके राजा के साथ युद्ध में विद्युतजिह्वा की मौत हो गई. तब शूर्पणखा ने रावण को श्राप दिया कि मैं तुम्हारी मृत्यु का कारण बनूंगी.

छठा श्राप – परिवार की एक स्त्री का श्राप
रावण को पत्नी मंदोदरी की बड़ी बहन माया ने भी श्राप दिया था. दरअसल रावण वासनायुक्त होकर माया के सतीत्व भंग करने की कोशिश कर रहा था, जिससे माया ने रावण को श्राप दिया कि तुमने मेरे सतित्व को भंग करने का प्रयास किया है इसलिए एक दिन तुम्हारी मृत्यु का कारण एक स्त्री ही बनेगी.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें