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Mars In 4th House: शनि चौथे भाव में होने पर घर, माता, मानसिक शांति और संपत्ति पर असर पड़ता है. यह व्यक्ति को धैर्य और अनुशासन सिखाता है, लेकिन भावनात्मक दूरी और तनाव भी ला सकता है. उपाय और नियमित साधना से इसके नकारात्मक प्रभाव कम किए जा सकते हैं.
Mars In 4th House: ज्योतिष में चौथा भाव घर, माता, मानसिक शांति, मनोबल, संपत्ति और निजी जीवन का प्रतीक माना जाता है. जब शनि इस भाव में बैठता है, तो यह हमारे घरेलू जीवन और मानसिक स्थिति पर गहरा असर डालता है. शनि को लग्न या ग्रहों में सबसे सख्त और अनुशासनप्रिय माना जाता है. इसका मतलब यह है कि यह भाव आपको जिम्मेदार, संयमी और मेहनती बनाता है, लेकिन कभी-कभी मानसिक तनाव, असुरक्षा या घर में दूरी जैसी समस्याएं भी ला सकता है. इस स्थिति में व्यक्ति अक्सर अपने घर और परिवार के मामलों में गंभीर रहता है. घर की सुख-सुविधाओं, माता के स्वास्थ्य या पारिवारिक माहौल में शनि की मौजूदगी कभी-कभी बाधा या देरी ला सकती है. साथ ही, यह भाव व्यक्ति को मानसिक मजबूती और धैर्य भी सिखाता है. शनि के प्रभाव से जीवन में स्थिरता और अनुशासन आता है, लेकिन इसके लिए समय और प्रयास दोनों चाहिए. इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि शनि चौथे भाव में होने पर जीवन के कौन-कौन से पहलू प्रभावित होते हैं, इसके सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम क्या हैं और किन आसान उपायों से इसके असर को संतुलित किया जा सकता है.
शनि चौथे भाव के सकारात्मक प्रभाव
1. मजबूत मानसिक स्थिति: शनि के आने से व्यक्ति मानसिक रूप से अधिक स्थिर और संयमित बनता है. वह भावनाओं में कम बहकता है और सोच-समझकर फैसले लेता है.
2. घर और परिवार में अनुशासन: यह स्थिति घर में नियम और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करती है. परिवार के प्रति जिम्मेदारी बढ़ती है.
3. धैर्य और मेहनत: शनि व्यक्ति को लंबी मेहनत और संघर्ष के लिए तैयार करता है. सफलता पाने के लिए स्थिर प्रयास करने की शक्ति मिलती है.
4. संपत्ति में स्थिरता: यह भाव वित्तीय मामलों में लंबी अवधि की सुरक्षा और स्थिरता देता है. व्यक्ति संपत्ति बनाने और बचत करने की दिशा में सतर्क रहता है.
5. आध्यात्मिक उन्नति: शनि के अनुशासन से व्यक्ति आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर आकर्षित होता है.

शनि चौथे भाव के नकारात्मक प्रभाव
1. घर और परिवार में दूरी: शनि की वजह से घर में भावनात्मक दूरी या संवाद की कमी हो सकती है. माता-पिता या परिवार के साथ तालमेल कम हो सकता है.
2. मानसिक तनाव: यह भाव व्यक्ति को चिंता और अवसाद की ओर ले जा सकता है. मानसिक शांति भंग होने की संभावना रहती है.
3. संपत्ति में बाधा: संपत्ति या घर से जुड़े मामलों में देरी या रुकावट महसूस हो सकती है.
4. अकेलापन या अलगाव: शनि व्यक्ति को अकेला या अलग-थलग महसूस करवा सकता है, खासकर जब घरेलू माहौल ठीक नहीं रहता.
5. भावनाओं में कठोरता: व्यक्ति संवेदनशील मामलों में कम लचीला हो सकता है और दूसरों के प्रति कठोर रुख अपना सकता है.

शनि चौथे भाव के आसान उपाय
1. घर को स्वच्छ और शांत रखें: घर में सफाई और व्यवस्थित वातावरण रखने से मानसिक शांति मिलती है.
2. माता के प्रति सम्मान और सेवा: माता या मातृवत् व्यक्तियों की सेवा करने से शनि के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
3. संतुलित जीवनशैली अपनाएं: समय पर भोजन, नींद और योग/ध्यान करने से मानसिक दबाव कम होता है.
4. लंबी अवधि की योजनाएं बनाएं: संपत्ति और घर से जुड़े फैसलों में जल्दबाजी न करें. धैर्य से काम लें.
5. शनि मंत्र का जाप: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का नियमित जाप या शनि देव की पूजा से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
6. दान और मदद: गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना, काले तिल या तेल का दान करना शनि की कृपा बढ़ाता है.
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मीडिया की दुनिया में मेरा सफर एक रेडियो जॉकी के रूप में शुरू हुआ था, जहां शब्दों की ताकत से श्रोताओं के दिलों तक पहुंच बनाना मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि रही. माइक के पीछे की यह जादुई दुनिया ही थी जिसने मुझे इलेक्ट्र…और पढ़ें







