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Hajj conditions for Muslim : हज इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है, जिसे जीवन में एक बार अदा करना अनिवार्य है. लेकिन कुछ जरूरी शर्तें होती हैं, जिनके अधूरा रहने पर हज पूरा नहीं माना जाता.

हज पर जाने के लिए सिर्फ मुसलमान होना काफी नहीं, पूरी करनी होती हैं ये शर्तें
हाइलाइट्स
- हज के लिए बालिग, समझदार और आजाद होना जरूरी है.
- महिलाओं के लिए महरम रिश्तेदार का साथ होना अनिवार्य है.
- हज के लिए पासपोर्ट, वीजा और टीकाकरण आवश्यक है.
Hajj Rules for Muslim/अलीगढ़. हज इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है, जिसे हर सक्षम मुसलमान पर जिंदगी में एक बार अदा करना फर्ज है. लेकिन सिर्फ मुसलमान होना ही हज पर जाने के लिए काफी नहीं होता. इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें होती हैं, जिन्हें पूरा करना अनिवार्य होता है. वरना हज पूरा नहीं माना जाता. चलिए जानते हैं कि वो कौन-कौन सी शर्ते हैं, जिनके बिना हज पूरा नहीं हो सकता. अलीगढ़ के हज ट्रेनर मोहम्मद शमशाद खान के अनुसार, सबसे पहली और बुनियादी शर्त ये है कि व्यक्ति बालिग, समझदार और आजाद हो. इस्लामी कानून के अनुसार, नाबालिग बच्चों, मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों और गुलामों पर हज फर्ज नहीं है. महिलाओं के लिए ये शर्त भी जुड़ी होती है कि उनके साथ कोई महरम रिश्तेदार हो, जैसे पिता, भाई या पति. बिना महरम के महिलाओं को हज पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती. नए नियम के अनुसार, अगर फिर भी महिला अकेले जाना चाहती है तो उसकी उम्र करीब 40 साल से ऊपर होनी चाहिए.
इतनी क्लीयरेंस की जरूरत
मोहम्मद शमशाद खान बताते हैं कि हज केवल उन्हीं लोगों पर फर्ज होता है, जिनके पास इसका खर्च उठाने की क्षमता हो. इसमें यात्रा, रहन-सहन और घर वालों की जरूरतों को पूरा करने की वित्तीय स्थिति शामिल होती है. इंसान शरीर से इतना सक्षम होना चाहिए कि हज की कठिनाइयों को झेल सके, क्योंकि ये एक शारीरिक और मानसिक तौर पर थका देने वाली यात्रा होती है. हज के लिए पासपोर्ट, सऊदी अरब का वीजा और भारत सरकार की हज कमेटी के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया पूरी करना भी जरूरी है. हर साल सीमित संख्या में लोगों को हज की अनुमति मिलती है, इसलिए समय पर आवेदन और जरूरी दस्तावेजों की पूर्ति आवश्यक है.
दिखावे के लिए न जाएं
सऊदी सरकार के नियमों के अनुसार, हज पर जाने वाले हर व्यक्ति को कुछ विशेष टीकाकरण करवाना होता है जैसे मेनिन्जाइटिस और COVID-19 आदि. इसके अलावा, एक मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र भी आवश्यक है, जिससे ये तय हो सके कि व्यक्ति हज की यात्रा के लिए फिट है. मोहम्मद शमशाद खान के अनुसार, हज एक इबादत है, इसलिए इसे अदा करने के लिए उसका सही तरीका जानना भी जरूरी है. हर हाजी को हज के अरकान और उनके सही तरीकों की जानकारी होनी चाहिए. नीयत भी सच्ची होनी चाहिए. हज करने सिर्फ अल्लाह की रजा और कुर्बत के लिए जाएं, न कि दिखावे या शान के लिए. इन तमाम शर्तों को पूरा करने के बाद ही कोई मुसलमान इस मुकद्दस सफर पर जा सकता है.