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Mata Temple Story: आगरा में एक ऐसा काली माता का मंदिर है, जिसकी कहानी काफी अनोखी है. कहा जाता है कि माता ने सपने में एक बालक को आदेश दिया और अपने पदचिह्न छोड़े. आज यहां एक भव्य मंदिर स्थापित है. आइए पूरी कहानी आपको बताते हैं.
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा को प्राचीन शहरों में गिना जाता है. आगरा की सरजमीं पर कई देवी-देवताओं का जन्म हुआ है. यहां की धरती अपने चमत्कार और रहस्यों के लिए भी जानी जाती रही है. मुगलों ने भी यहां कई सालों तक राज किया. कई बारे राजा-महाराजाओं ने भी यहां शासन किया है. प्राचीन ईमारतों के अलावा आगरा में कई प्राचीन मंदिर भी मौजूद हैं. कई ऐसे रहस्यमई मंदिर हैं, जिनका इतिहास किसी किताब में नहीं, बल्कि पौराणिक कथाएं व मान्यता से मिलता है.
आगरा में एक ऐसा ही काली माता का मंदिर है, जिसे पूर्णमासी कालरात्रि मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर सिकंदरा के पश्चिम पुरी क्षेत्र में स्थित है. यह प्राचीन मंदिर बेहद प्रचलित और मशहूर है और कई मान्यताओं के लिए जाना जाता है. मंदिर की स्थापना के समय आसपास जंगल हुआ करता था. वर्तमान में अब यह इलाका रिहायशी हो चुका है. आसपास कई मकान और कॉलोनियां बन चुकी हैं.
माता का चमत्कार
यहां के पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में कई पॉजिटिव एनर्जी हैं. उन्होंने कहा कि कई भक्त बताते हैं कि उन्हें मंदिर से कई तरह की आवाजें आती हैं. ऐसा लगता है कि कोई उन्हें मंदिर की तरफ खींच रहा है. पुजारी ने कहा कि यह सब माता का चमत्कार है. वह भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं और जो एक बार यहां दर्शन करने आता है, वह मैया का भक्त हो जाता है. शनिवार को यहां भक्तों का तांता लगता है.
15 वर्षीय बालक को आया सपना
पूर्णमासी कालरात्रि मंदिर के महंत पंडित देवेंद्र तिवारी ने बताया कि मंदिर बेहद चमत्कारी है. यहां मैया की अद्धभुत मूर्ति भक्तों का कल्याण करती है. महंत ने बताया कि यहीं नज़दीक एक परिवार रहता था. वह परिवार हर साल करोली दर्शन करने के लिए जाता था. उनका एक बेटा था, चित्रांश हिमांशु कुलश्रेष्ठ जो 15 वर्ष का था. उस बालक को काली मां ने सपने में कई बार दर्शन दिए. यह बात उस बालक ने अपने माता-पिता को बताई, लेकिन मां-बाप उस बात को समझ नहीं पाए थे.
महंत ने बताया कि एक रात उस बच्चे को मां काली ने फिर दर्शन दिए और कहा कि घर के सामने बने पार्क में अपने चरण छोड़कर गई हूं, जाओ उसे देख लो. बालक हिमांशु सुबह जब वहां गया तो चावल के पैर वहां बने हुए थे. यह बात उसने परिजनों को बताई. उस समय हिमांशु के साथ उसकी कामवाली यह दृश्य देखने गई तो वह भी हैरान रह गई. कामवाली ने पूरी घटना हिमांशु के परिजनों को बताई. महंत ने बताया कि इस घटना के बाद आसपास के सभी लोगों ने मिलकर यहां इस मंदिर की स्थापना की. वर्तमान में दूरदराज से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं..
अद्धभुत आवाज और पॉजिटिव एनर्जी
पूर्णमासी कालरात्रि मंदिर के महंत पंडित देवेंद्र तिवारी ने बताया कि मंदिर में पॉजिटिव एनर्जी है. कई भक्तों ने उन्हें बताया कि यहां से उन्हें अलग-अलग तरह की आवाज सुनाई देती है. कई भक्तों ने कहा कि मंदिर की ओर अपने आप खिंचाव सा हो जाता है. पंडित देवेंद्र तिवारी ने बताया कि मंदिर में स्थापित देवी मां की प्रतिमा में बहुत शक्ति है. मां काली का श्रृंगार जब होता है उस वक़्त यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है. सच्चे मन से मांगी गई हर एक मुराद यहां माता पूरी करती हैं.
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आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Bharat.one से जुड़ गए.
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