भाद्रपद माह का प्रारंभ 20 अगस्त से हुआ है. भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदयशी तिथि को रखा जाएगा. यह व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह शनि प्रदोष व्रत होगा. शनि प्रदोष के दिन व्रत और शिव पूजा करने से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है. भाद्रपद के पहले प्रदोष के दिन परिघ योग बन रहा है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
भाद्रपद का पहला प्रदोष 2024 तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 31 अगस्त शनिवार को तड़के 02:25 बजे होगा. इस तिथि का समापन 1 सितंबर रविवार को तड़के 03:40 बजे होगा. ऐसे में भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत यानि शनि प्रदोष व्रत 31 अगस्त शनिवार को रखा जाएगा.
यह भी पढ़ें: 25 अगस्त को कन्या में शुक्र गोचर, 4 राशिवालों का आएगा गोल्डन टाइम, सरकारी नौकरी, लव मैरिज का योग!
परिघ योग में होगी शनि प्रदोष की पूजा
31 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत की पूजा के समय परिघ योग बना है. उस दिन सुबह में वरीयान योग होगा, जो शाम 05:39 बजे तक है. उसके बाद से परिघ योग का निर्माण होगा. शिव पूजा शाम में होगी, उस वक्त परिघ योग रहेगा. शनि प्रदोष के दिन पुष्य नक्षत्र सुबह से शाम 07:39 बजे तक है. उसके बाद से अश्लेषा नक्षत्र है.
शनि प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
यदि आप शनि प्रदोष का व्रत रखते हैं तो इस बार आपको शिव पूजा के लिए 2 घंटे 15 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. शनि प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त शाम को 06:43 बजे से रात 08:59 बजे तक है. इस समय में आपको शनि प्रदोष व्रत की पूजा कर लेनी चाहिए. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय में करते हैं.
यह भी पढ़ें: जन्माष्टमी इन 5 राशि के जातकों के लिए होगी शुभ फलदायी, क्या आप हैं वो लकी इंसान? जानें
शनि प्रदोष व्रत का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने पर उत्तम संतान की प्राप्ति होती है. इसके अलावा शिव कृपा से व्यक्ति के संकट और कष्ट मिट जाते हैं. भगवान भोलेनाथ अपने भक्त के मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. व्यक्ति को दरिद्रता, धन की कमी, रोग, दोष आदि से मुक्ति मिल जाती है.
FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 10:26 IST