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Sharadiya Navratri 2025 ; नवरात्रि में अष्टभुजा दुर्गा की आराधना का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि देवी मां के आठों हाथों में मौजूद अस्त्र-शस्त्र भक्तों की रक्षा और कल्याण का प्रतीक हैं. दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों में इन अस्त्रों और देवी की महिमा का विस्तार से वर्णन मिलता है.
हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि संवत में चार बार अष्ट भुजाओं वाली देवी मां दुर्गा की आराधना, साधना, व्रत आदि करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है जिससे साधक के जीवन में अच्छे बदलाव होते हैं. 9 रात्रि तक देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा अर्चना करने का विधान बताया गया है. नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना सबसे उत्तम बताया गया है. दुर्गा सप्तशती हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जो मार्कंडेय पुराण से ली गई है. इसमें कुल 700 श्लोक हैं जिसमें देवी के स्वरूप समेत उनकी आराधना और साधना करने के लिए अनेक मंत्रों का विस्तार से वर्णन है.
दुर्गा सप्तशती में मिलता है वर्णन
देवी दुर्गा अष्ट भुजाओं वाली हैं. उनके सभी हाथों में अस्त्र और शास्त्र विद्यमान है जो मानव कल्याण के लिए हैं. देवी दुर्गा के सभी हाथों में कौन-कौन से अस्त्र शास्त्र विद्यमान है इसका भी विस्तार से वर्णन दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय में ध्यान श्लोक में किया गया है. दुर्गा सप्तशती के अनुसार देवी दुर्गा के हाथों में घंटा, शूल (त्रिशूल), हल, शंख, चक्र, मुसल, धनुष और तीर आदि सभी अस्त्र-शास्त्र देवी दुर्गा के सभी आठ हाथों में विद्यमान है जो मानव कल्याण के लिए है. नवरात्रि में अष्ट भुजाओं वाली देवी दुर्गा की आराधना, पूजा अर्चना, दुर्गा सप्तशती का पाठ, व्रत आदि करने पर अमोघ फल की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता है.

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें
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