जयपुर. शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से आरंभ होंगे. मां भगवती को समर्पित नवरात्र के नौ दिन बहुत शुभ माने जाते हैं लेकिन इस दौरान मां का आगमन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इस दिन घरों में धूमधाम के साथ माता की घट स्थापना की जाती है. पंचांग के अनुसार इस बार गुरुवार से नवरात्रि की शुरुआत होगी और शनिवार को नवरात्रि समाप्त होंगे.
डोली में आएंगी और पैदल जाएगी माता
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि देवीपुराण के अनुसार जब नवरात्र की शुरुआत गुरुवार से होती है, तो देवी का आगमन पालकी में होता है. वहीं शनिवार के दिन नवरात्र खत्म होने का अर्थ है कि मां पैदल होकर जाएंगी. मां दुर्गा का पालकी पर आगमन शुभ नहीं माना जाता. इसके अलावा मां का पैदल चलकर प्रस्थान करना भी शुभ नहीं माना जाता.
हो सकती है ये घटनाएं
ढांढण ने बताया कि शारदीय नवरात्र अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं. प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को सुबह 12.19 मिनट से 4 अक्टूबर की सुबह 2.58 मिनट तक रहेगी. 12 अक्टूबर को सम्पन्न होंगे, लेकिन इस अशुभ संकेत को देखते हुए इस बार अन्य देशों से हिंसा की खबरें आ सकती है. दुर्घटनाएं बढ़ेंगी, अर्थव्यवस्था पर मंदी का असर, देश-दुनिया में महामारी फैलने का खतरा रहेगा.
शारदीय नवरात्र की तिथियां
पंचांग के अनुसार, 3 अक्टूबर को मां शैलपुत्री, 4 अक्टूबर को मां ब्रह्मचारिणी, 5 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा, 6 अक्टूबर को मां कुष्मांडा, 7 अक्टूबर को मां स्कन्दमाता, 8 अक्टूबर को मां कात्यायनी, 9 अक्टूबर को मां कालरात्रि, 10 अक्टूबर को मां सिद्धिदात्री, 11 अक्टूबर को मां महागौरी, 12 अक्टूबर को मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन दशमी तिथि (दशहरा) का होगा.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना 3 अक्टूबर को होगा, घटस्थापना मुहूर्त सुबह 6.24 से सुबह 8.45 मिनट तक होगा और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.52 से दोपहर 12.39 तक रहेगा.
FIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 15:16 IST