Sunday, January 19, 2025
30 C
Surat

Shardiya Navratri: त्रिपुरा सुंदरी के मंदिर का अनकहा रहस्य, जहां भक्ति और चमत्कार एक साथ होते हैं प्रकट


कुल्लू: कुल्लू के नग्गर में स्थित त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. ये देवी, जो दस महाविद्याओं में से एक मानी जाती है, राजघराने की कुल देवी के रूप में पूजा जाती है. इस मंदिर का निर्माण लकड़ी से किया गया है और यह स्थान देवी की पिंडी के प्रकट होने का स्थल है.

मंदिर का इतिहास
त्रिपुरा सुंदरी के मंदिर के निर्माण की कहानी बेहद रोचक है. कहा जाता है कि यह मंदिर राजाओं के काल में बनाया गया था. जब राजा ने देवी से उनकी उपस्थिति का प्रमाण मांगा, तो देवी ने मकड़ी के जाले के रूप में अपनी पिंडी के ऊपर जल प्रकट कर दिया. इसके बाद इस मंदिर का निर्माण हुआ. एक अन्य कथा के अनुसार, एक ग्वाला अपनी गायों को यहां चराने लाता था और एक दिन उसने देखा कि उसकी गाय दूध दे रही है, जबकि वहां कोई कन्या गाय का दूध पी रही थी.

इस घटना ने स्थानीय लोगों को माता के दिव्य रूप की उपस्थिति का एहसास कराया. हर साल मई में देवी के सम्मान में यहां शाहरी जात्रा नाम का मेला आयोजित किया जाता है, जो इस मंदिर की महत्ता को और बढ़ाता है.

त्रिपुरा सुंदरी: देवी का स्वरूप
त्रिपुरा सुंदरी, जिसे राजराजेश्वरी, ललिता, षोडशी और कामाक्षी के नाम से भी जाना जाता है, दस महाविद्याओं में सबसे प्रमुख मानी जाती है. इन्हें तीनों लोकों में सबसे सुंदर महिला के रूप में जाना जाता है. काली के इस रूप ने त्रिपुर रक्षा का वध किया था और इन्हें राज परिवारों की कुल देवी के रूप में पूजा जाता है.

नग्गर का त्रिपुरा सुंदरी मंदिर
नग्गर का त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पगौडा शैली में बना हुआ है, जिसमें देवदार की लकड़ी का उपयोग किया गया है. इसकी लकड़ी की छत और संरचना इसे मनाली के हिडिंबा मंदिर से मिलती-जुलती बनाती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है.

कुल देवी का महत्व
त्रिपुरा सुंदरी को राज परिवारों की कुल देवी माना जाता है. कुल्लू का राज परिवार भी इस मंदिर में आकर देवी का आशीर्वाद लेने आता है, जिससे इस मंदिर की आध्यात्मिक महत्ता और बढ़ जाती है. नग्गर का त्रिपुरा सुंदरी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इतिहास और संस्कृति का भी प्रतीक है. यहां की अनोखी कहानियां और मंदिर की खूबसूरत वास्तुकला इसे एक अद्भुत स्थल बनाती हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img