देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत भव्य और अलौकिक है. उनके मस्तक पर अर्द्धचंद्र सुशोभित है. यही कारण है कि उनका नाम चंद्रघंटा है. मां चंद्रघंटा की पूजा करने वाले को जीवन में सुख, शांति और सफलता प्राप्त होती है. जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है. मां चंद्रघंटा को पूजा के समय लाल और पीले फूल चढ़ाने चाहिए. सबसे पहले मां चंद्रघंटा का श्रृंगार करें. उनको लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, लाल पुष्प फूल, चंदन, रोली आदि अर्पित करें. फिर फल, मिठाई, खीर, हलवा आदि का भोग लगाएं. उनके लिए घी का एक दीपक जलाएं. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और उनकी आरती करें.
September 24, 2025 08:14 IST
इन पूजन सामग्री के बिना अधूरा है मां चंद्रघंटा की पूजा, देख लें लिस्ट
मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए कुछ सामान्य सामग्री के साथ कुछ विशेष चीजें भी होती हैं. मां चंद्रघंटा की पूजा में सिंदूर, अक्षत्, फूल, धूप, दीप, बत्ती, फल, मिठाई, नैवेद्य आदि अर्पित करते हैं. मां चंद्रघंटा को पीले फूल और सफेद कमल के फूल प्रिय हैं. इस देवी को खीर, दूध से बनी मिठाई, सेब, केला आदि का भोग लगाते हैं. इन्हें आप पान, सुपारी, इलायची, लौंग, पंचमेवा भी अर्पित कर सकते हैं.
September 24, 2025 08:04 IST
घी के दीपक से करें मां चंद्रघंटा की आरती, जय मां चंद्रघंटा सुख धाम…
मां चंद्रघंटा की पूजा के समय भक्तों को घी के दीपक से आरती करनी चाहिए. इसमें भी गाय के घी का उपयोग करना उत्तम रहता है. यदि आपके पास गाय का घी नहीं है तो सरसों या तिल के तेल का उपयोग कर सकते हैं. मां चंद्रघंटा की आरती जय मां चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे सभी काम…से शुरू होती है. आरती करने से पूजा की कमियां दूर होती हैं और देवी मां प्रसन्न होती हैं.
मां चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालिक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाए।
मूर्ति चंद्र आकार बनाए।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बात।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
September 24, 2025 08:00 IST
मां चंद्रघंटा की पूजा के हैं विशेष 4 मंत्र, बीज मंत्र है काफी प्रभावशाली
आज मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय उनके मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए. आपके पास समय है तो आप मां चंद्रघंटा के बीज मंत्र का जाप करके उनकी कृपा पा सकते हैं. मंत्र का जाप करने से मां चंद्रघंटा का आशीर्वाद मिलता है. इनको जाग्रत करके आप अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं.
1. बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नमः
2. पूजा मंत्र: ओम देवी चन्द्रघण्टायै नमः
3. प्रार्थना मंत्र: पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
4. स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
September 24, 2025 07:55 IST
सिंह पर सवार 10 भुजाओं वाली हैं मां चंद्रघंटा, दुश्मनों का करती हैं दमन
तीसरी नवदुर्गा मां चंद्रघंटा 10 भुजाओं वाली देवी हैं, जिनका वाहन सिंह है. सिंह साहस और निर्भय का प्रतीक है. मां चंद्रघंटा शस्त्र के रूप में धनुष, बाण, तलवार, त्रिशूल, चक्र, गदा आदि धारण करती हैं, वहीं कमंडल, कमल फूल और माला भी उनकी शोभा को बढ़ाते हैं. उनके ललाट को चंद्रमा सुशोभित करता है. देवी के ललाट पर चंद्रमा होने की वजह से इनको मां चंद्रघंटा कहते हैं. ये देवी शत्रुओं का विनाश करती हैं.
September 24, 2025 07:49 IST
इंद्र योग, रवि योग और चित्रा नक्षत्र में शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन, कल 07:06 एएम तक तृतीया तिथि
हिंदी पंचांग के अनुसार, आज शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन आश्विन शुक्ल तृतीया तिथि, इंद्र योग और चित्रा नक्षत्र है. तृतीया तिथि आज प्रात:काल 04:51 ए एम से शुरू है और यह कल 07:06 एएम तक है. आज इन्द्र योग रात 09:03 पी एम तक है, उसके बाद से वैधृति योग है. चित्रा नक्षत्र सुबह से लेकर शाम 04:16 पी एम तक है. उसके बाद स्वाति नक्षत्र है. वहीं रवि योग शाम को 04:16 पी एम से लेकर कल सुबह 06:11 ए एम तक है. आज का राहुकाल दोपहर में 12:13 पी एम से 01:43 पी एम तक है, इसमें कोई शुभ कार्य न करें. आज का निशिता मुहूर्त रात 11:49 पी एम से देर रात 12:37 ए एम तक है.