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Shiv Temple: सीकर और जयपुर की सीमा पर स्थित पचार गांव का शिव मंदिर अनोखा है. मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने से पति-पत्नी की जोड़ी अटूट रहती है. मंदिर कांच से बना है और 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं.

पचार शिव मंदिर
राजस्थान में ऐसे अनेकों मंदिर है. जिनसे जुड़ी मान्यताएं इन्हें अलग बनाती हैं. ऐसा ही एक अनोखा चमत्कारी मंदिर सीकर और जयपुर की अंतिम सीमा पर स्थिर पचार गांव में एक भगवान शिव के परिवार का मंदिर है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है. अगर पति-पत्नी इस मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं तो उनकी जोड़ी कभी नहीं टूटती है. वे हमेशा सुखी रहते हैं.
मंदिर के पुजारी महेश दायमा ने बताया कि इस मंदिर में भगवान शिव का पूरा परिवार विराजता है. इसके अलावा यहां पर भगवान के शिव के 12 ज्योतिर्लिंगो को भी स्थापित किया गया है. मंदिर के पुजारी के अनुसार इस मंदिर को लेकर एक अनोखी मान्यता है कि अगर यहां पर कोई नव विवाहित जोड़ा या पति-पत्नी आकर हर सोमवार को भगवान भोलेनाथ का दूध से अभिषेक करते हैं, तो उनकी जोड़ी कभी नहीं टूटती है और उनकी शादीशुदा जिंदगी में भी कभी खटास नहीं आती है. इसलिए सोमवार के दिन यहां पर शादीशुदा जोड़ों का जमघट लगता है.
द्वादशी ज्योतिर्लिंग के नाम से मशहूर है यह मंदिर
सालों पुराने भगवान शिव के इस मंदिर में अलग-अलग जगह के 12 ज्योतिर्लिंग भी मौजूद है. इस कारण इस मंदिर को अब द्वादशी ज्योतिर्लिंग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. सोमवार के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है. इस मंदिर में सावन के समय अनेकों धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं. जहां पूरा गांव इस कार्यक्रम में भाग लेता है.
कांच से बना हुआ है यह शिव मंदिर
भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर की एक और अनोखी खास बात यह हैं कि यह पूरा मंदिर कांच से जड़ा हुआ है. चारों तरफ कांच से सुंदर-सुंदर आकृतियां बनाई हुई है. कांच में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के साथ भक्त का चेहरा भी नजर आता है. रात के समय यह मंदिर बड़ा ही मनमोहक हो जाता है. भगवान शिव के शिवलिंग पर पड़ने वाली लाल रोशनी यहां आने वाले भक्तों को मंत्र मुग्ध कर देती है. यही कारण है कि गुजरात, दिल्ली और जयपुर सहित दूर-दूर के प्रवासी भी यहां इस मंदिर में आकर मत्था देखते हैं.
Jaipur,Rajasthan
March 02, 2025, 13:44 IST
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