Thursday, December 11, 2025
30 C
Surat

Shri Chennakeshava Swamy Temple Beluru know Importance and history of Chennakeshava mandir | 5 या 10 साल नहीं… बल्कि पूरे 103 साल और तीन पीढ़ी लगी हैं इस मंदिर को बनाने में, यहां की प्रतिमाएं देखने लायक


Last Updated:

Shri Chennakeshava Swamy Temple: वैसे तो आपने भगवान विष्णु के कई खास मंदिरों के दर्शन किए होंगे लेकिन कर्नाटक के बेलूर में में एक ऐसा मंदिर है, जिससे बनने में 5 या 10 साल नहीं बल्कि 103 साल लगे हैं और इस मंदिर को बनवाने में तीन पीढ़ियों का योगदान है. बताया जाता है कि इस मंदिर की प्रतिमाओं को बनाने में 10 हजार से ज्यादा पत्थर का प्रयोग किया था. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में खास बातें…

5 या 10 साल नहीं.. बल्कि पूरे 103 साल और 3 पीढ़ी लगी हैं इस मंदिर को बनाने में

Shri Chennakeshava Swamy Temple: हर मंदिर का अपना विशिष्ट इतिहास और पूजनीय देवी-देवताओं की कहानी है. बेलूर में स्थित चेन्नाकेशव मंदिर ऐसा ही एक अद्भूत मंदिर है, जिसकी हर दीवार और स्तंभ अलग इतिहास और नक्काशी की गवाही देता है. यह मंदिर अब कर्नाटक की धरोहर बन चुका है और पर्यटक दूर-दूर से इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु के इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. बताया जाता है कि इस मंदिर की प्रतिमाओं को बनाने में 10 हजार से ज्यादा पत्थर का प्रयोग किया था. साथ ही होयसल वास्तुकला की उत्कृष्ट झलक देखने को मिलती है. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में खास बातें….

मंदिर बनाने में 103 साल लगे
कर्नाटक के बेलूर में स्थित श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर बेहद खास है. कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने में 103 साल लगे और तीन पीढ़ियों की मेहनत लगी. मंदिर में 48 अलग-अलग स्तंभ हैं, जिनमें से एक स्तंभ भी दूसरे स्तंभ से मेल नहीं खाता है. हर स्तंभ पर अलग शैली, अलग परंपरा और अलग नक्काशी दिखती है. मंदिर का निर्माण होयसल साम्राज्य के दौरान 11वीं से 14वीं शताब्दी के दौरान शुरू हुआ था, और मंदिर को बनाने में तीन पीढ़ियों ने अपना योगदान दिया था. बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण राजा विष्णुवर्धन ने 1117 ई. में शुरू करवाया था.

भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर
श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है. मंदिर की दीवारों पर भगवान विष्णु के 10 अलग-अलग रूपों को बारीक नक्काशी से उकेरा गया है. दीवारों पर अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा को भी इतनी सफाई से बनाया गया है कि देखने से लगता है कि निर्जीव पाषाण भी बोल उठेंगे. इसके अलावा, बाघ की प्रतिमाएं भी देखने को मिलेंगी, क्योंकि बाघ होयसल साम्राज्य का प्रतीक चिन्ह माना गया.

100 से अधिक मंदिरों का निर्माण
यह साम्राज्य अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना गया. अपने समय में होयसल साम्राज्य ने दक्षिण भारत में 100 से अधिक मंदिरों का निर्माण कराया था, जिनमें से वर्तमान में होयसल वास्तुकला के 92 मंदिर मौजूद हैं. श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर का निर्माण सेलखड़ी पत्थर से किया गया है. पत्थर बाकी पत्थरों की तुलना में मुलायम होता है और इस पर नक्काशी करना आसान होता है. इसके अलावा, मंदिर के गर्भगृह में कई प्रतिमाएं मौजूद हैं, जिन्हें महीन शिल्पकारी छैनी हथौड़ी से बनाया गया है. मंदिर में 10 हजार से ज्यादा पत्थर की प्रतिमाएं देखने को मिल जाएंगी.

उत्कृष्ट वास्तुकला की झलक
मंदिर में सरस्वती मां की भी मूर्ति है, जो अपने आप में अनोखी है. प्रतिमा से सिर पर पानी डालने पर नाक के नीचे बाईं ओर होता हुआ पानी बाएं हाथ की हथेली में आकर गिरता है और आखिर में पैरों से होता हुआ बाहर निकल जाता है. मंदिर में मौजूद हर प्रतिमा में होयसल वास्तुकला की उत्कृष्ट वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है.

About the Author

authorimg

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

homedharm

5 या 10 साल नहीं.. बल्कि पूरे 103 साल और 3 पीढ़ी लगी हैं इस मंदिर को बनाने में

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img