Last Updated:
Vaishakh Shukra Pradosh Vrat 2025: वैशाख महीना चल रहा है, ऐसे में लोगों को जानने की इच्छा है कि आखिर इस महीने का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा और किस मुहुर्त में रखा जाएगा, चलिए ज्योतिषी से जानते हैं.

25 अप्रैल को रखा जाएगा शुक्र प्रदोष व्रत.
हाइलाइट्स
- वैशाख का पहला प्रदोष व्रत 25 अप्रैल को है.
- शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम 06:12 से रात 09:03 तक है.
- प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा विधि विधान से करें.
देवघर. किसी भी महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित रहता है, जिसे प्रदोष व्रत भी कहते हैं. साल भर में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ता हैं. यानी 1 महीने में दो प्रदोष व्रत एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष और सभी प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधि विधान के साथ पूजा आराधना करें, तो मांगी गई हर मनोकामनाएं भगवान शिव अवश्य पूर्ण करते हैं. फिलहाल वैशाख का महीना चल रहा है और वैशाख महीने का पहला प्रदोष व्रत बेहद खास है. कब है वैशाख महीना का पहला प्रदोष व्रत, पूजा, शुभ मुहूर्त जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 अप्रैल को है. उसी दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा आराधना विधि विधान के साथ करनी चाहिए. इससे सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मन से भय दूर होता है.
कब से शुरु हो रही है त्रयोंदशी तिथि?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 25 अप्रैल दिन शुक्रवार सुबह 09बजकर 27 मिनट से होगी और समापन अगले दिन 26 अप्रैल सुबह08 बजकर 11 मिनट मे होगी. त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है इसलिए 25 अप्रैल शुक्रवार को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा.
जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त?
25 अप्रैल दिन शुक्रवार को भगवान भोलेनाथ के पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 09बजकर 03 मिनट तक रहने वाला है.
क्या करें शुक्र प्रदोष के दिन?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शुक्र प्रदोष के दिन दिन भर व्रत का पालन करें. प्रदोष काल में भगवान शिव की शोडशॉपचार विधि से पूजा आराधना करे. जिसमे दूध, दही, घी, शहद,बेलपत्र अवश्य होना चाहिए. पूजा के बाद खीर का भोग अवश्य लगाए और उसके बाद भगवान शिव के साथ उनके परिवार की आरती अवश्य करें. इससे घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होगी हर मनोकामनाएं पूर्ण होगी.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.