चांदी की मछली क्यों मानी जाती है शुभ?
ज्योतिष के अनुसार मछली का संबंध शनि ग्रह से जोड़ा जाता है. वहीं चांदी की धातु का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से है. चंद्रमा शांति और मानसिक संतुलन का प्रतीक है जबकि शुक्र वैभव और धन का कारक माना जाता है. इस तरह शनि, चंद्रमा और शुक्र का मेल व्यक्ति के जीवन में तरक्की, लग्जरी और धन का मार्ग खोलता है. यही कारण है कि चांदी की मछली बेहद शुभ मानी जाती है.
1. चांदी की मछली को घर की ईशान दिशा (नॉर्थ ईस्ट कॉर्नर) में रखना सबसे अच्छा माना जाता है.
2. मछली का मुख हमेशा घर के अंदर की ओर होना चाहिए.
3. व्यवसाय स्थल जैसे दुकान या ऑफिस में भी इसे ईशान दिशा में रखें.
4. जब भी आप सुबह दुकान खोलें या ऑफिस जाएं, तो सबसे पहले चांदी की मछली का दर्शन करें. इससे ग्राहकों की संख्या बढ़ती है और कारोबार तेजी से बढ़ने लगता है.
छोटी चांदी की मछली का कमाल
1. इन छोटी मछलियों को जोड़े में पर्स में रखने से धन आकर्षित होता है.
2. वास्तु और फेंगशुई दोनों में इसे शुभ माना गया है.
3. इससे न केवल आर्थिक स्थिति सुधरती है बल्कि अच्छी खबरें भी मिलना शुरू हो जाती हैं.
अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा और शनि का मेल है या शनि की दृष्टि चंद्रमा पर है, जिससे मानसिक तनाव, उदासी या आर्थिक रुकावट आती है, तो चांदी की मछली से इसका समाधान किया जा सकता है.
1. इसके लिए छोटी चांदी की मछलियों पर काजल लगाएं और शनिवार के दिन बहते पानी में प्रवाहित कर दें.
2. अगर बहता पानी उपलब्ध न हो, तो मंदिर में दान भी कर सकते हैं.
3. कितनी मछलियां प्रवाहित करनी हैं यह आपकी कुंडली के घर के हिसाब से तय किया जाता है. जैसे, यदि यह योग दूसरे घर में हो तो दो मछलियां, चौथे घर में हो तो चार मछलियां प्रवाहित करनी होंगी.