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Somvati Amavasya 2024: पितृ पक्ष से पहले आ रही है सोमवती अमावस्या, इस मुहूर्त में करें ये 5 काम, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद


पितृ पक्ष का पर्व पितरों के लिए समर्पित होता है, जिसमें पितृ दोष को दूर करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं. पितृ पक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा से होता है. लेकिन पितृ पक्ष से पहले ही सोमवती अमावस्या आने वाली है, जो भाद्रपद अमावस्या के दिन पड़ रही है. सोमवती अमावस्या के अवसर पर आप स्नान और दान के साथ शिव-पार्वती की पूजा करते हैं तो आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लेकिन सोमवती अमावस्या पर आप कुछ आसान उपाय करके अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं सोमवती अमावस्या के मुहूर्त और पितरों को खुश करने के उपायों के बारे में.

सोमवती अमावस्या 2024 मुहूर्त
भाद्रपद कृष्ण अमावस्या ति​थि का प्रारंभ: 2 सितंबर, सोमवार, सुबह 5 बजकर 21 मिनट से
भाद्रपद कृष्ण अमावस्या ति​थि की समाप्ति: 3 सितंबर, बुधवार, सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:29 बजे से प्रात: 05:15 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:55 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक
श्राद्ध का समय: दिन में 11:30 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक

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सोमवती अमावस्या 2024: पितरों को खुश करने के उपाय
1. सोमवती अमावस्या के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लें. सूर्य देव की पूजा करें. फिर अपने पितरों का स्मरण करें. उनको आह्वान करने के बाद जल, काले तिल, सफेद फूल से उनके लिए तर्पण करें. यह जल पाकर वे तृप्त होंगे, जिससे उनकी नाराजगी दूर होगी और वे आपको आशीर्वाद देंगे.

2. सोमवती अमावस्या पर आप अपने पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं. पितृ दोष की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध करते हैं. इससे पितर खुश होकर आशीर्वाद देते हैं.

3. सोमवती अमावस्या के अवसर पर पितरों को खुश करने के लिए आप शाम के समय में अंधेरा होने पर दक्षिण दिशा में एक ​दीपक जला सकते हैं. वह दीपक सरसों के तेल का हो सकता है.

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4. सोमवती अमावस्या के दिन सुबह में आप भोजन बनाएं और उसमें से कुछ हिस्सा पितरों को अर्पित करें. पितरों को वह भोजन गाय, कौआ, कुत्ता आदि के माध्यम से पहुंचता है. इसे पाकर वे तृप्त होते हैं. इसे पंचबलि कर्म कहा जाता है.

5. अमावस्या के दिन आप पितरों को खुश करने के लिए सफेद वस्त्र का दान कर सकते हैं. इसके अलावा अनाज, फल आदि का दान किसी गरीब ब्राह्मण को कर सकते हैं.

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