Vastu Tips For Home Entrance: हमारे घर और ऑफिस में एंट्रेंस का सही स्थान बहुत मायने रखता है. सिर्फ सुंदरता या फैशन के हिसाब से जगह चुनना पर्याप्त नहीं है. वास्तु और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, कुछ दिशाओं में बनी एंट्रेंस नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकती है. खासकर साउथ-ईस्ट दिशा की एंट्रेंस को लेकर कई चेतावनियां हैं. यह दिशा आग तत्व से जुड़ी मानी जाती है और इससे जुड़े लोग अकसर वित्तीय नुकसान, भरोसेमंदी में कमी और चोरी जैसी परेशानियों का सामना कर सकते हैं. जो लोग ऑफिस या घर में साउथ-ईस्ट एंट्रेंस रखते हैं, उन्हें अकसर कर्मचारियों या आसपास के लोगों से जुड़ी नकारात्मक घटनाओं का अनुभव होता है. इसलिए सिर्फ एंट्रेंस की दिशा बदलना ही नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के उपाय करना भी जरूरी है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि साउथ-ईस्ट एंट्रेंस क्यों जोखिम बढ़ाती है और इसे सुधारने के आसान और असरदार तरीके क्या हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
साउथ-ईस्ट एंट्रेंस के जोखिम
साउथ-ईस्ट दिशा मुख्य रूप से आग तत्व से जुड़ी मानी जाती है. इस दिशा में बनी एंट्रेंस से घर या ऑफिस में अक्सर निम्न समस्याएं देखने को मिलती हैं:
-कर्मचारियों में भरोसा कम होना और चोरी जैसी घटनाओं का बढ़ना.
-वित्तीय नुकसान और व्यापार में असफलता.
-घर के सदस्यों के बीच झगड़े और तनाव का बढ़ना.
-नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश, जिससे मानसिक शांति प्रभावित होती है.
विशेष रूप से यह देखा गया है कि साउथ-ईस्ट एंट्रेंस वाले ऑफिस में स्टाफ की ईमानदारी पर सवाल उठ सकते हैं और कभी-कभी वित्तीय और गोपनीय नुकसान भी हो सकते हैं.
समस्या के आसान समाधान
1. दिशा बदलना या स्क्रीन लगाना
अगर संभव हो तो मुख्य दरवाजे को ईस्ट या नॉर्थ-ईस्ट की ओर मोड़ें. नहीं कर सकते तो दरवाजे पर सुंदर स्क्रीन, पर्दा या पौधे लगाकर नकारात्मक ऊर्जा को कम किया जा सकता है.

2. लाइट और रंगों का इस्तेमाल
साउथ-ईस्ट दिशा में लाल या नारंगी रंग की सजावट आग तत्व को संतुलित करती है. अच्छे और उज्ज्वल लाइटिंग से भी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
3. धातु और पानी के तत्व जोड़ें
इस दिशा में छोटे पानी के फव्वारे या तांबे के बर्तन रखे जा सकते हैं. इससे नकारात्मक ऊर्जा का संतुलन बना रहता है.

4. साफ-सफाई और नियमित जांच
दरवाजे के पास कोई जमी हुई धूल, टूटी वस्तुएं या बेकार सामान न रखें. साफ-सफाई सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखती है.
साउथ-ईस्ट एंट्रेंस को हल्के में न लें. यह सिर्फ वास्तु की बात नहीं, बल्कि रोजमर्रा के जीवन और व्यापार पर असर डालने वाला मुद्दा है. दिशा बदलना, सजावट, सही रंग और पानी-धातु के तत्व इस समस्या का असरदार समाधान हैं.







