South-West Entry : हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी दुकान में ग्राहकों की भीड़ लगी रहे, बिक्री बढ़े और मेहनत का पूरा फल मिले. लेकिन कई बार सब कुछ ठीक करने के बाद भी व्यापार में रुकावट आने लगती है. ऐसे में लोग सोचते हैं कि शायद मेहनत या समय सही नहीं है, जबकि असली वजह दुकान की दिशा भी हो सकती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यापारिक स्थल की सफलता उस जगह की ऊर्जा पर निर्भर करती है. ये ऊर्जा चारों दिशाओं से आती है उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम. इनमें से दक्षिण-पश्चिम यानी South-West दिशा को बहुत खास माना गया है. यह जगह स्थिरता, नियंत्रण और मालिक की शक्ति का प्रतीक होती है. अगर इस दिशा में दुकान का प्रवेश द्वार बना हो, तो यह वास्तु के अनुसार सबसे कम शुभ मानी जाती है. ऐसी एंट्री दुकान के अंदर की सकारात्मक ऊर्जा को रोक देती है और नकारात्मक प्रभाव बढ़ाती है. आइए समझते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि South-West दिशा में एंट्री होने से दुकान पर क्या असर पड़ता है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है.
South-West Entry वाली दुकान के प्रभाव (वास्तु अनुसार)
1. ग्राहकों की कमी
इस दिशा से दुकान में ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता, जिससे ग्राहक कम आने लगते हैं. कई बार दुकान अच्छी लोकेशन पर होते हुए भी भीड़ नहीं लगती.
2. कमाई तो होती है पर ठहरती नहीं
व्यापार में पैसे का आना-जाना तो बना रहता है, पर बचत नहीं हो पाती. ऐसा लगता है कि जितना कमाया, उतना ही खर्च हो गया.
3. मालिक का मन काम में नहीं लगता
South-West एंट्री से दुकान में अस्थिरता आती है. मालिक को बेचैनी, चिंता और मानसिक थकान महसूस होती है. बिजनेस में फोकस कम होने लगता है.
4. अनचाहे खर्चे बढ़ जाते हैं
अचानक मरम्मत, नुकसान या स्टाफ से जुड़ी परेशानियाँ बढ़ जाती हैं. यह दिशा आर्थिक स्थिरता को प्रभावित करती है.
5. कर्मचारियों की स्थिरता नहीं रहती
ऐसे स्थान पर कर्मचारियों का मन नहीं टिकता. वे बार-बार नौकरी छोड़ देते हैं या पूरे मन से काम नहीं करते.

कब ज्यादा नुकसानदायक होती है South-West Entry?
-अगर दुकान बहुत छोटी है (100 से 200 वर्ग फुट के बीच)
-दुकान किराए पर ली गई हो
-कैश काउंटर गलत दिशा (South या West) में हो
-दुकान की पिछली दीवार कमजोर या टूटी हुई हो
इन स्थितियों में South-West दिशा का नकारात्मक असर और बढ़ जाता है.
उपाय – South-West Entry को कैसे संतुलित करें?
1. प्रवेश द्वार पर मोटी दरी या मैट रखें
इससे नकारात्मक ऊर्जा धीमी हो जाती है और दुकान के अंदर संतुलन बना रहता है.
2. दरवाज़े के दाईं ओर तांबे की पट्टी (Copper Strip) लगाएं
यह उपाय वास्तु के अनुसार ऊर्जा प्रवाह को सही दिशा में लाने में मदद करता है.
3. कैश काउंटर उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें
यह सबसे शुभ माना जाता है. इससे धन स्थिर रहता है और कमाई में बढ़ोतरी होती है.
4. दक्षिण-पश्चिम की दीवार को मजबूत बनाएं
यहां गहरा रंग करें, भगवान की तस्वीर या तिजोरी रखें. इससे व्यापार में स्थिरता आती है.
5. एंट्री के ऊपर “ॐ नमः शिवाय” या हनुमान चालीसा का अंश लिखवाएं
यह मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है.
6. अगर संभव हो तो कांच का दरवाज़ा न रखें
क्योंकि कांच से ऊर्जा बार-बार बाहर निकलती है. लकड़ी का मजबूत दरवाज़ा बेहतर रहेगा.
एक्स्ट्रा टिप्स
यदि आपकी दुकान पहले से बनी हुई है और एंट्री बदलना संभव नहीं है, तो छोटे-छोटे वास्तु उपाय भी बड़ा फर्क ला सकते हैं. उदाहरण के लिए, दुकान में जल का पात्र उत्तर दिशा में रखें, नियमित रूप से दीपक जलाएं और दुकान के फर्श को हमेशा साफ-सुथरा रखें. साथ ही, रोज़ सुबह दुकान खुलने से पहले सकारात्मक मंत्र का उच्चारण करने से वातावरण शुद्ध रहता है.