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Sultanpur Dussehra Mela: एक चमत्कारी मंदिर, जहां दशहरे पर लगता है शानदार मेला, धान चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं लोग


सुल्तानपुर: प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या से सटे सुल्तानपुर जिले में अध्यात्म और भक्ति की गहरी जड़ें हैं. इसी जिले के एक गांव में स्थित पांडे बाबा का भव्य मंदिर, श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है. दशहरे के अवसर पर यहां लाखों की संख्या में भक्त इकट्ठा होते हैं और मेले का आनंद लेते हैं. पांडे बाबा धाम को उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ गई है.

पांडे बाबा का मंदिर
जिला मुख्यालय से लगभग 32 किलोमीटर दूर, बलिया-लखनऊ रोड पर स्थित इस मंदिर में बाबा के भक्त पूरे प्रदेश से आते हैं. बाबा की महिमा इतनी प्रसिद्ध है कि यहां चढ़ाए गए धान (चावल) से पुजारियों के परिवारों को कभी अनाज की कमी नहीं होती. आल्हा गायकों द्वारा बाबा की महिमा का वर्णन किया गया है, जो भक्तों की आस्था को और भी गहरा बनाता है.

जब पांडे बाबा की हुई थी अनबन
पांडे बाबा को धर मंगल पांडे के नाम से भी जाना जाता है. लगभग 150 साल पहले कादीपुर तहसील के मोतिगरपुर के पास तपस्वी के रूप में रहते थे. वह अविवाहित थे और एक भूखंड को लेकर दियरा राजवंश से उनकी अनबन हो गई थी. यह भी कहा जाता है कि राजवंश ने रघु नामक जल्लाद से बाबा की हत्या करवा दी थी, क्योंकि बाबा उस भूखंड को हर हाल में हासिल करना चाहते थे. अपनी मृत्यु से पहले बाबा ने कई महीनों तक भोजन त्याग कर विरोध किया था.

अटूट है मान्यता
पांडे बाबा धाम में लोग न केवल स्वयं की, बल्कि अपने परिवार और पशुओं की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना के लिए पूजा-अर्चना करते हैं. यहां हर साल भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो बाबा के चरणों में कौड़ी और धान चढ़ाते हैं. पांडे बाबा के भक्त पूरे भारत में फैले हुए हैं और उनकी मान्यता अटूट है.

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दशहरे पर लगता है मेला
पांडे बाबा धाम में विजयदशमी के दिन एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. यह मेला सुल्तानपुर का सबसे बड़ा मेला माना जाता है और इसकी तैयारी दशहरे से एक महीने पहले ही शुरू हो जाती है. मेले में कुटीर उद्योगों के उत्पाद, बच्चों के खिलौने, चाट और फास्ट फूड की दुकानें, हथियारों की धार लगाने वाले लोहार की दुकानें, और मनोरंजन के लिए बड़े-बड़े झूले आकर्षण का केंद्र होते हैं. मेले की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन रूट डायवर्जन जैसी व्यवस्था भी करता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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