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Sundarkand Path: कलयुग में हनुमान जी को जागृत देवता माना जाता है. माना जाता है कि रोजाना सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. ऐसे में सुंदरकांड की कुछ चौपाई का खास महत्व है. आइए जानते हैं.
अगर आप सुंदरकांड के दोहे का अनुसरण करते हैं तो आपके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले आपको उस दोहे का अर्थ भी पता होना चाहिए, तभी उसका पुण्य आपको प्राप्त होगा . रामचरितमानस के सुंदरकांड में कई चमत्कारी दोहे और चौपाई अंकित की गई हैं, जिसमें से एक दोहा है. ‘तब हनुमंत कही सब राम कथा निज नाम, सुनत जुगल तन पुलक मन मगन सुमिरि गुन ग्राम’… इस दोहे में हनुमान जी महाराज की भक्ति और प्रभु राम के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाया गया है, जिसके बारे में शशिकांत दास विस्तार से बताते हैं.
सुनत जुगल तन पुलक मन मगन सुमिरि गुन ग्राम… अर्थात सुनते ही जुगल (भक्त) के तन में पुलकारी (रोमांच) आ गया. मन मगन हो गया और वे गुणों के संग्रह भगवान राम का स्मरण करने लगे.
शशिकांत दास बताते हैं कि इस दोहे में हनुमान जी की राम कथा के प्रतिनिष्ठा और भक्त को दर्शाया गया है. जिस प्रकार प्रभु राम की कथा सुनने से हर कोई खुश हो जाता है. इस दोहे का अनुसरण करने से जीवन में चल रही तमाम तरह की परेशानियों का अंत होता है.
मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया समे…और पढ़ें
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