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Sundarkand Path: कलयुग में हनुमान जी को जागृत देवता माना जाता है. माना जाता है कि रोजाना सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. ऐसे में सुंदरकांड की कुछ चौपाई का खास महत्व है. आइए जानते हैं.
दरअसल रामचरितमानस में एक कांड है, जिसे सुंदरकांड के नाम से जाना जाता है. उस कांड में हनुमान जी महाराज की महिमा का वर्णन किया गया है. सुंदरकांड में एक दोहा है ‘निज पद नयन दिएँ मन राम पद कमल लीन, परम दुखी भा पवनसुत देखि जानकी दीन’.. सुंदरकांड के इस दोहे में हनुमान जी महाराज की भक्ति और सहानुभूति को गहराइयों से दर्शाया गया है .इसके बारे में शशिकांत दास विस्तार से बताते हैं.
शशिकांत दास बताते हैं कि सुंदरकांड के इस दोहे में हनुमान जी महाराज की प्रभु राम के प्रति भक्ति को और माता सीता के प्रति सहानुभूति को दर्शाया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सुंदरकांड की चौपाई और दोहे का जाप करने से व्यक्ति को मंगल की महादशा से भी मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन की चल रही परेशानियां कष्ट से निवारण मिलता है.
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस…और पढ़ें
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस… और पढ़ें