सूर्य ग्रहण का सूतक काल
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है, जिसमें कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं. 21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल कब से लगेगा? यह जानने के लिए आपको सबसे पहले जानना होगा कि सूर्य ग्रहण का समय क्या है?
सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण का सूतक काल समय
आपको पता है कि सूर्य ग्रहण के प्रारंभ होने से 12 घंटे पहले उसका सूतक काल शुरू होता है. इस आधार पर भारतीय समयानुसार इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल 21 सितंबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होना चाहिए. सूतक काल का समापन सूर्य ग्रहण के खत्म होने के साथ ही होता है.
सूतक काल में क्या न करें?
1. सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर देते हैं. भगवान की पूजा नहीं होती है.
3. गर्भवती महिलाओं को सूतक काल में घर से बाहर नहीं जाना चाहिए और न ही नुकीली वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए.
सूतक काल में क्या करें
आप सूतक काल में भगवान के नाम का भजन करें. यदि आपने कोई गुरु मंत्र ले रखा है तो उस मंत्र का जाप करें. नहीं तो आप चाहें तो अपने इष्ट देव के नाम का जाप करें. गर्भवती महिलाओं को संतान गोपाल मंत्र या किसी भी सुरक्षा मंत्र का जाप करनी चाहिए.
जब सूतक काल खत्म हो जाए तो पूजा स्थान और घर की साफ-सफाई करें. उसके बाद स्नान करके सूतक काल में पहने गए कपड़ों को निकालकर धो दें. साफ कपड़े पहनें. भगवान की पूजा करें और उनको भोग लगाएं. यदि कोई भोजन पहले से रखा है तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल दें. इससे ग्रहण का दोष खत्म हो जाता है.