Monday, September 29, 2025
26 C
Surat

Tatta Pani Mysteries। किश्तवाड़ का रहस्यमयी गर्म जल कुंड और धार्मिक स्थल


किश्तवाड़ जिले में स्थित तत्ता पानी गांव अपनी अद्भुत और रहस्यमयी पहचान के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है. यह गांव सैकड़ों साल पुराने उस ऐतिहासिक मंदिर का गवाह है, जो भगवान शेषनाग से जुड़ा हुआ माना जाता है. गांव के बीचों-बीच बना यह मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि यहां से निकलने वाला उबलता हुआ पानी आज भी लोगों के लिए आश्चर्य और आस्था का केंद्र बना हुआ है.

कहा जाता है कि यह चमत्कार तब हुआ जब भगवान शेषनाग स्वयं इस गांव में आए थे. मान्यता है कि भगवान ने गांव की एक स्त्री से थोड़ी सी जमीन मांगी थी, लेकिन स्त्री ने उन्हें पहचाना नहीं और जमीन देने से मना कर दिया. तभी भगवान शेषनाग ने अपने त्रिशूल से भूमि को स्पर्श किया और वहीं से गर्म पानी का कुंड निकल पड़ा. यही कारण है कि इस स्थान का नाम “तत्ता पानी” (गर्म पानी) पड़ा.

किश्तवाड़ जिले में स्थित तत्ता पानी गांव अपनी अद्भुत और रहस्यमयी पहचान के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है. यह गांव सैकड़ों साल पुराने उस ऐतिहासिक मंदिर का गवाह है, जो भगवान शेषनाग से जुड़ा हुआ माना जाता है. गांव के बीचों-बीच बना यह मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि यहां से निकलने वाला उबलता हुआ पानी आज भी लोगों के लिए आश्चर्य और आस्था का केंद्र बना हुआ है.

कहा जाता है कि यह चमत्कार तब हुआ जब भगवान शेषनाग स्वयं इस गांव में आए थे. मान्यता है कि भगवान ने गांव की एक स्त्री से थोड़ी सी जमीन मांगी थी, लेकिन स्त्री ने उन्हें पहचाना नहीं और जमीन देने से मना कर दिया. तभी भगवान शेषनाग ने अपने त्रिशूल से भूमि को स्पर्श किया और वहीं से गर्म पानी का कुंड निकल पड़ा. यही कारण है कि इस स्थान का नाम “तत्ता पानी” (गर्म पानी) पड़ा.

गांववालों का विश्वास है कि इस पवित्र उबलते पानी में अगर कोई तीन बार स्नान कर ले तो उसे हर प्रकार की बीमारी से मुक्ति मिल जाती है. यही कारण है कि यहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि इस गांव में कभी कोई गंभीर रूप से बीमार नहीं हुआ. लोग नियमित रूप से इस कुंड में स्नान करते हैं और इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं.

कई बार विदेशी वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी यहां पहुंचे ताकि यह जान सकें कि आखिर यह गर्म पानी कहां से आता है और क्यों निरंतर उबलता रहता है. लेकिन आज तक कोई भी इस रहस्य को सुलझा नहीं पाया. स्थानीय पंडित और बुजुर्ग बताते हैं कि यह भगवान शेषनाग की कृपा है, जिसे विज्ञान शायद ही कभी समझ पाए.

तत्ता पानी का यह मंदिर सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से भी जुड़ा हुआ है. हर साल यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है. लोग दूर-दराज से यहां आकर इस अद्भुत जल में स्नान करते हैं और भगवान शेषनाग का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
किश्तवाड़ का तत्ता पानी : शेषनाग की धरती पर आस्था और चमत्कार का संगम

जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ जिला अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का गढ़ माना जाता है. इन्हीं धरोहरों में से एक है तत्ता पानी गांव,  एक ऐसा स्थान, जहां आस्था, इतिहास और रहस्य तीनों एक साथ मिलते हैं. इस गांव की पहचान भगवान शेषनाग से जुड़े उस चमत्कारिक मंदिर से है, जहां से निरंतर उबलता हुआ गर्म पानी निकलता है.

पौराणिक कथा और उत्पत्ति
स्थानीय परंपराओं और कथाओं के अनुसार, कई सौ साल पहले भगवान शेषनाग इस गांव में प्रकट हुए. उन्होंने एक स्त्री से थोड़ी सी भूमि की याचना की, किंतु स्त्री ने उन्हें पहचान न सकी और भूमि देने से मना कर दिया. तभी भगवान शेषनाग ने अपने त्रिशूल से भूमि को भेदा और उसी क्षण वहां से गर्म पानी का स्रोत फूट पड़ा. तभी से इस स्थान को “तत्ता पानी” कहा जाने लगा, जिसका अर्थ है गर्म पानी.

चमत्कारिक जल और श्रद्धालुओं का विश्वास
गांववाले मानते हैं कि इस उबलते पानी में स्नान करना हर बीमारी से मुक्ति दिलाता है. कहा जाता है कि यदि कोई श्रद्धालु तीन बार इस जल में स्नान कर ले, तो उसके जीवन की सभी शारीरिक पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं. यही कारण है कि आज तक गांव में कोई गंभीर रोग फैलता नहीं दिखा. स्थानीय लोग इस जल को ईश्वर का वरदान मानते हैं और इसे आस्था का अमूल्य प्रतीक मानकर पीढ़ियों से पूजते आ रहे हैं.

वैज्ञानिक भी हैरान
सदियों से यह कुंड निरंतर गर्म जल उगल रहा है. इस रहस्य को जानने के लिए कई बार विदेशी वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इस स्थान पर पहुंचे, परंतु कोई भी यह समझ नहीं सका कि आखिर यह पानी कहां से आता है और क्यों सदैव उबलता रहता है. विज्ञान जहां असमर्थ रहा, वहीं श्रद्धालुओं का विश्वास और भी गहरा होता चला गया. उनके लिए यह स्थान सिर्फ प्रकृति का अद्भुत चमत्कार नहीं, बल्कि भगवान शेषनाग की प्रत्यक्ष कृपा है.

आस्था और विरासत का संगम
आज तत्ता पानी का यह मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रसिद्ध है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, गर्म जल में स्नान करते हैं और भगवान शेषनाग की पूजा-अर्चना कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. त्योहारों और विशेष अवसरों पर यहां विशेष भीड़ उमड़ती है.

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले का तत्ता पानी गांव सैकड़ों साल पुराने अपने चमत्कारिक शेषनाग मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. यहां मौजूद उबलते पानी का कुंड श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था और रहस्य का केंद्र बना हुआ है. मान्यता है कि भगवान शेषनाग ने गांव की एक स्त्री से भूमि मांगी थी. स्त्री द्वारा न देने पर उन्होंने त्रिशूल से भूमि को भेदा और वहीं से गर्म पानी का यह कुंड फूट पड़ा. तभी से इस स्थान का नाम पड़ा “तत्ता पानी” यानी गर्म पानी.

गांववालों का कहना है कि इस कुंड में तीन बार स्नान करने से हर तरह की बीमारी दूर हो जाती है. उनका यह भी दावा है कि गांव में कोई गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ता. विशेष बात यह है कि इस कुंड का तापमान सर्दियों और गर्मियों – दोनों मौसमों में एक जैसा रहता है. यही कारण है कि वैज्ञानिक भी इस रहस्य को आज तक सुलझा नहीं पाए. कई विदेशी शोधकर्ता यहां जांच करने आए, लेकिन यह चमत्कारिक जल अब भी विज्ञान की समझ से परे है. स्थानीय पंडित और श्रद्धालु इसे भगवान शेषनाग की कृपा और जीवित चमत्कार मानते हैं.

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img