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Tripura Sundari Worship: विवाह के लिए नहीं मिल रहा अच्छा रिश्ता? गुप्त नवरात्रि में करें ये विशेष साधना, मिलेगा लाभ

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Tripura Sundari worship: गुप्त नवरात्रियों में देवी त्रिपुर सुंदरी की साधना से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. उनकी पूजा से साहस, आत्मिक बल, यश, कीर्ति, और बौद्धिक विकास होता है.

विवाह के लिए नहीं मिल रहा अच्छा रिश्ता? गुप्त नवरात्रि में करें ये विशेष साधना

हाइलाइट्स

  • त्रिपुर सुंदरी साधना से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
  • देवी त्रिपुर सुंदरी की पूजा से साहस, आत्मिक बल, यश, कीर्ति मिलती है.
  • त्रिपुर सुंदरी साधना के लिए विशेष मंत्रों का जाप करें.

Tripura Sundari worship : गुप्त नवरात्रियों में देवी माता की साधना करके सांसारिक कष्टों से मुक्ति पाने का विशेष विधान होता है. शास्त्रों में 10 महाविद्याओं का जिक्र किया गया है. माता त्रिपुर सुंदरी की साधना करके हम अपने जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं, परेशानियों का अंत कर सकते हैं. माता त्रिपुर सुंदरी माता पार्वती का ही स्वरूप हैं. मान्यताओं के अनुसार इस संसार को बनाने वाली माता आदिशक्ति ही है. माता त्रिपुर सुंदरी का चमत्कारी शक्ति सिद्ध पीठ राजस्थान राज्य के बांसवाड़ा जिले में स्थित है. धर्म शास्त्रों में माता को प्रसन्न करने के अनेकों उपाय बताए गए हैं. माता की साधना पद्धति माता को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है. त्रिपुर सुंदरी मां दुर्गा की तीसरी महाविद्या हैं. उन्हें श्रीविद्या, कामेश्वरी, और राजराजेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है. मां त्रिपुर सुंदरी को षोडशी भी कहा जाता है.

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त्रिपुर सुंदरी की साधना करने का तरीकाः सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और सफ़ेद वस्त्र पहनें. चौकी पर गंगाजल छिड़कर उसे शुद्ध करें. चौकी पर सफ़ेद कपड़ा बिछाएं. उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें. चौकी पर मां त्रिपुर सुंदरी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. कमलगट्टे की माला से ऊं श्रीं ऊं या ऊं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः का जाप करें.देवी को अनार का भोग लगाएं. जप और पूजन के बाद, चावल और फूल लेकर देवी को विसर्जित करें.त्रिपुर सुंदरी की पूजा के लिए रात्रि के नौ बजे पूजा करें.रात्रि काल में 9 बजे से 11 बजे तक मां त्रिपुर सुंदरी की साधना करना श्रेष्ठ माना गया है.

त्रिपुर सुंदरी साधना से जुड़ी कुछ खास बातेंः त्रिपुर सुंदरी, दस महाविद्याओं में से एक हैं. देवी त्रिपुर सुंदरी को ललिता भी कहा जाता है. त्रिपुर सुंदरी की साधना में इनके तीनों रूपों के क्रम का ध्यान रखना चाहिए. त्रिपुर सुंदरी की पूजा से साहस, आत्मिक बल, यश, कीर्ति, और बौद्धिक विकास होता है.

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त्रिपुर सुंदरी साधना के लिए, इन मंत्रों का जाप किया जाता है:
श्रीबाला – त्रिपुरसुन्दरी – देवतायै नमः
ऊं ह्रीं क ऐ ई ल ह्रीं ह स क ल ह्रीं स क ह ल ह्रीं
ऊं त्रिपुर सुंदरी पार्वती देवी मम गृहे आगच्छ आवहयामि स्थापयामि

त्रिपुर सुंदरी साधना से कई फ़ायदे होते हैं: त्रिपुर सुंदरी की पूजा करने से सुंदरता मिलती है. मन नियंत्रित रहता है. वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. जीवन साथी की तलाश पूरी होती है. साहस आता है. आत्मिक बल मिलता है. यश और कीर्ति मिलती है. मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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