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Tulsi Vivah Date: हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का खासा महत्व है. इसके बाद ही शादी-विवाह, जनेऊ, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य शुरू होते हैं. इस संबंध में Bharat.one ने देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित नंदकिशोर मुद्गल से …और पढ़ें
देवघर: हर साल 24 एकादशियां आती हैं, और हर एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, जीवन के कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास की एकादशी यानी हरिशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा के लिए चले जाते हैं, जिसके बाद से सभी शुभ और मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं.
तुलसी विवाह की तिथि
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि इस साल 1 नवंबर 2025 को तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 1 नवंबर को सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर हो रही है और इसका समापन अगले दिन 2 नवंबर को सुबह 5 बजकर 11 मिनट पर होगा. चूंकि एकादशी तिथि पूरे दिन भर 1 नवंबर को रहेगी. इसलिए इसी दिन तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाना शुभ है. इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम देवता और माता तुलसी का विवाह कराया जाता है. जिससे जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है.
तुलसी विवाह के बाद शुरू होंगे शुभ कार्य
पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि तुलसी विवाह के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. इसके बाद शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, और जनेऊ जैसे सभी मांगलिक कार्य शुरू किए जा सकते हैं. इस साल 2025 में तुलसी विवाह के बाद 20 नवंबर से शहनाइयां बजनी शुरू हो जाएंगी क्योंकि इसी दिन से विवाह के लिए शुभ लग्न शुरू हो रहे हैं.