Tulsi Vivah Upay : तुलसी विवाह का पर्व हिंदू परंपरा में अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है. यह त्योहार कार्तिक मास में देवउठनी एकादशी के बाद आता है, जब भगवान विष्णु चार महीने के योग निद्रा से जागते हैं. ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु का विवाह माता तुलसी के साथ होता है. इस शुभ अवसर पर घर-घर में तुलसी और विष्णु जी की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो जीवन में खुशहाली, समृद्धि और सुख का प्रवाह बना रहता है. इन्हीं उपायों में से एक है “धन की शुभ पोटली” जिसे तुलसी विवाह के दिन घर के मुख्य द्वार पर बांधना बेहद शुभ माना गया है. कहा जाता है कि यह छोटी-सी पोटली न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखती है, बल्कि घर में लक्ष्मी का वास भी बनाए रखती है. इस पोटली में रखी वस्तुएं प्रतीकात्मक रूप से धन, सौभाग्य और सकारात्मकता को आकर्षित करती हैं. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि इसे तैयार करने का तरीका क्या है और इससे क्या-क्या लाभ मिलते हैं.
तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी विवाह के दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर महिलाएं पारंपरिक वस्त्र धारण करती हैं, तुलसी मंडप सजाया जाता है और तुलसी जी को सुहाग की सारी सामग्री अर्पित की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता बनी रहती है. साथ ही, घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. कुछ लोग इस दिन देवउठनी एकादशी पर ही तुलसी विवाह करते हैं, जबकि कई स्थानों पर यह अगली द्वादशी तिथि को किया जाता है. दोनों ही दिन धार्मिक दृष्टि से समान रूप से शुभ माने जाते हैं.
तुलसी विवाह के दिन करें यह शुभ उपाय
अगर आप तुलसी विवाह यानी 2 नवंबर के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर धन की पोटली बांधते हैं, तो यह पूरे साल आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद करती है. कहा जाता है कि इस उपाय से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सौभाग्य का मार्ग खुलता है.
यह पोटली घर की रक्षा कवच की तरह काम करती है. अगर घर में बार-बार पैसों की तंगी महसूस होती है या बिना कारण धन खर्च होता है, तो यह उपाय काफी प्रभावी साबित हो सकता है. बस यह ध्यान रखें कि पोटली को एक बार तैयार करने के बाद एक साल तक मुख्य द्वार पर ही बांधकर रखें.
पोटली तैयार करने की विधि
1. तुलसी विवाह के दिन एक साफ लाल कपड़ा लें.
2. तुलसी के पौधे की जड़ को निकालकर गंगाजल से अच्छी तरह धो लें.
3. 11 अक्षत (चावल के साबुत दाने) लें, जो किसी भी तरह टूटे हुए न हों.
4. एक रुपये का सिक्का लें और इन सभी वस्तुओं को लाल कपड़े में रखकर छोटी-सी पोटली बना लें.
5. इस पोटली को घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर मजबूती से बांध दें.
यह पोटली पूरे साल घर में शुभ ऊर्जा बनाए रखती है. इससे न केवल नकारात्मकता दूर होती है, बल्कि कार्यों में आने वाली अड़चनें भी खत्म होने लगती हैं.

पोटली कब और कैसे बदलें
यह पोटली पूरे एक साल तक मुख्य द्वार पर बंधी रहनी चाहिए. अगले साल जब तुलसी विवाह का दिन दोबारा आए, तब इसे उतारकर नई पोटली तैयार करें. पुरानी पोटली से एक रुपये का सिक्का निकालकर अपने पर्स या तिजोरी में रख लें, जिससे धन का संचित प्रभाव बना रहे. बाकी पोटली को किसी साफ बहते जल में प्रवाहित कर दें.
ऐसा करने से घर में धन का प्रवाह निरंतर बना रहता है और जीवन में स्थिरता आती है. यह एक ऐसा उपाय है जो न किसी भारी पूजा की मांग करता है, न किसी विशेष वस्तु की – बस सच्ची श्रद्धा और विश्वास से करने की जरूरत है.
पोटली के लाभ
-घर में धन और समृद्धि का प्रवाह बना रहता है.
-नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती.
-आर्थिक परेशानियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं.
-परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य और शांति बनी रहती है.
-नए अवसर और उन्नति के मार्ग खुलते हैं.