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Ujjain Chandra Grahan Timing: भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया, भूल से भी न करें ये गलतियां, उज्जैन के आचार्य ने बताया शुभ-अशुभ


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Ujjain News: चंद्रग्रहण (Chandra Grahan Timing) के दौरान नकारात्मक शक्तियां ज्यादा सक्रिय होती हैं. ऐसे में देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूना अशुभ माना जाता है. घर के मंदिर को लाल या पीले कपड़े से ढक दें. ग्रहण…और पढ़ें

उज्जैन. धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को अशुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण (Ujjain Chandra Grahan Timing) को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है, जिसे धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता. सूर्य या चंद्रग्रहण के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते, साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कुछ सावधानियां बेहद जरूरी मानी जाती हैं. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि इस चंद्रग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?

चंद्रग्रहण कब लगेगा?
साल का दूसरा चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse Timing) 7 सितंबर दिन रविवार को रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा और इसका समापन 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा. ज्योतिषियों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण ‘ब्लड मून’ के रूप में दिखाई देगा, जिसमें चंद्रमा पूरी तरह लाल रंग का दिखेगा.

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चंद्रग्रहण पर क्या न करें?
चंद्रग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं. ऐसे में भगवान की मूर्तियों को छूना अशुभ माना जाता है. इस दौरान घर के मंदिर को लाल या पीले कपड़े से ढक दें. इस दिन तुलसी, पीपल और बरगद के पेड़ों को छूने से बचें. मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से दोष लग सकता है. ग्रहण वाले दिन ऐसे लोगों से न मिलें, जो नकारात्मक बातें करते हैं. झगड़ा या वाद-विवाद से भी दूर रहें वरना घर की शांति भंग हो सकती है. ग्रहण काल में दांपत्य संबंध बनाना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा इस दौरान ज्यादा बातचीत या बहस करने से भी दूरी बनाए रखें.

चंद्रग्रहण पर क्या करें?
चंद्रग्रहण के बाद दान करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन चावल, दूध, घी, सफेद वस्त्र और चांदी का दान करने से चंद्र दोष दूर होते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन मंत्र जाप बेहद फलदायी होता है. भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र और चंद्रमा का मंत्र ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः’ का जप करना चाहिए. इसके साथ ही आप अपने ईष्टदेव के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं. इस समय धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना चाहिए. माना जाता है कि इससे मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए. इससे शरीर और घर में फैली नकारात्मकता दूर होती है. स्नान के बाद घर और मंदिर में गंगाजल का छिड़काव अवश्य करें.

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चंद्रग्रहण पर भूल से भी न करें ये गलतियां, उज्जैन के आचार्य ने बताया शुभ-अशुभ

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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