Thursday, September 25, 2025
26 C
Surat

Uma Maheswara Temple sonbhadra: पूरी दुनिया में नहीं है इतना अद्भुत मंदिर…शिवलिंग की जगह मूर्ति की होती है पूजा, भक्त कहते हैं ‘गुप्तकाशी’


Last Updated:

Uma Maheswara Temple sonbhadra: यूपी का उमा महेश्वर मंदिर बहुत अनोखा है. इस मंदिर में ऐसी प्रतिमा मौजूद है, जो आपको किसी और मंदिर में देखने के लिए नहीं मिलेगी.

X

यहां

यहां की मूर्ति पूरी दुनिया में क्यों है विख्यात

हाइलाइट्स

  • उमा महेश्वर मंदिर सोनभद्र में स्थित है.
  • मंदिर में शिव और पार्वती की दुर्लभ मूर्ति है.
  • मंदिर को गुप्तकाशी के नाम से भी जाना जाता है.

Uma Maheswara Temple sonbhadra: उमा महेश्वर मंदिर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में है. घोरावल से 10 किमी दूर स्थित है. शिव द्वार मंदिर शिव और माता पार्वती को समर्पित है. 11वीं शताब्दी में इस मंदिर को बनाया गया था. ऐसा कहा जाता है कि दुनिया में भगवान शिव की एकमात्र मूर्ति है, जहां मूर्ति पर पवित्र जल चढ़ाया जाता है. उमा महेश्वर मंदिर को शिवद्वार मंदिर को गुप्तकाशी के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर के अंदर एक बेहद ही प्राचीन और दुर्लभ शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित की गई है.

सोनभद्र का उमा महेश्वर मंदिर
मूर्ति काले पत्थर से बनी है जो लश्या शैली में तीन फीट ऊंची है. इसके अलावा भी यहां पर बहुत सारी मूर्तियां खुदाई के दौरान या फिर खेतों में हल चलाने के दौरान मिली हैं. सतवारी गांव के पास में एक किसान को खेतों में हल चलाने के दौरान मंदिर की अनोखी मूर्ति मिली थी. यह मूर्ति बहुत ही दुर्लभ है.

अनोखी है कहानी
मान्यता है कि दक्ष प्रजापति को अहंकार के कारण पति सती के अपमान से पिता के अहंकार को नष्ट करने के लिए अपने शरीर को त्यागने के लिए शिव को अनुष्ठान में आमंत्रित नहीं किया था. इससे शिव नाराज हो गए उन्होंने अपने कोमा से वीरभद्र की उत्पत्ति की और प्रजापति दक्ष के वध का आदेश दिया. प्रजापति का वध वीरभद्र ने किया था भगवान शिव को समझने के बाद सृष्टि करता ने बकरी के कटे हुए सर को सर के स्थान पर प्रजापति पर रख दिया. प्रजापति दक्ष के अहंकार को नष्ट करने के बाद भगवान शिव बहुत उदास मनोदशा से वहां चले गए. शिव फिर सोन भूमि कहने के लिए मुड़े. शिव ने अगोरी क्षेत्र में कदम रखा.

शिव द्वार क्या होता है?
शिवजी जिस क्षेत्र में प्रथम चरण रखते हैं, उसे आज शिव द्वार के नाम से जाना जाता है. यहां पर अघोरी बाबा बने और उन्होंने वनवास का फैसला किया. शिव के गुप्तकाशी छिपने के स्थान के कारण इस स्थान को गुप्तकाशी या दूसरी काशी के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर पर विभिन्न त्योहारों के समय भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. श्रावण मास में कांवड़ यात्रा भी यहां पर आती है. शिव पार्वती जी का एक साथ मंदिर आपको शायद ही कहीं और देखने को मिलेगा.

इसे भी पढ़ें – नाराज पितरों को करना है शांत, तो इस मंदिर में करें पूजा, चार धाम के बराबर मिलता है फल!

आपको हर मंदिर में शिवलिंग के दर्शन होते होंगे. लेकिन किसी मूर्ति के दर्शन नहीं होते. यहां आपको भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी के मूर्ति का दर्शन एक साथ होता है. यह बहुत दुर्लभ जगह है आप लोग अपने जीवन काल में एक बार इस पवित्र जगह के दर्शन को जरूर आए. मंदिर तक आने के लिए आपको सोनभद्र मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से घोरावल के लिए गाड़ी पकड़नी होगी या आप निजी साधन से भी यहां तक पहुंच सकते हैं. मंदिर की महिमा बताते हुए पुजारी ने बताया कि भगवान भोलेनाथ का यहां पर अद्भुत चमत्कार देखने को मिलता है, जो कोई भी भक्त यहां सच्चे मन से भगवान से प्रार्थना करता है. महादेव सबकी मनोरथ पूरी करते हैं.

homedharm

पूरी दुनिया में नहीं है ऐसा मंदिर, शिवलिंग की जगह मूर्ति की होती है पूजा

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

Uric Acid Vegetable Onion: प्याज से कम होगी यूरिक एसिड

Last Updated:September 25, 2025, 19:45 ISTUric Acid: यूरिक...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img