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रसोई में अन्नपूर्णा का वास माना जाता है, रोटी गिनना वर्जित है, उल्टा तवा अशुभ है, पहली रोटी गाय और दूसरी कुत्ता को देने से सकारात्मक ऊर्जा आती है.
हिंदू धर्म शास्त्र में रसोई को एक पवित्र स्थान माना गया है. कहते हैं कि रसोई में अन्नपूर्णा का वास होता है. उनकी मौजूदगी से ही घर में धान की कभी कमी नहीं होती लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार रोटी बनाते समय हमारी कुछ गलतियों के कारण मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं और घर से चली जाती हैं. इससे घर में धन का आगमन रुक जाता है.
सबसे पहले वास्तु के अनुसार और रसोई में रोटी बनाते वक्त कभी भी गृहणी को रोटी गिनती नहीं करनी चाहिए. कुछ घरों में लोग ऐसी गलतियां करते हैं जिन घरों में रोटियां गिन कर बनाई जाती हैं. वहा मोटी कमाई के बावजूद घर में अन्न की पूर्ति नहीं होती है. हालांकि, शास्त्रों में रोटी को गिनना वर्जित माना गया है और गिनकर रोटियां नहीं बनानी चाहिए.
अक्सर आपने देखा होगा कि जब कोई महिला आटा गुंथती है तो आटे पर उंगली के निशान लगा देती है. दरअसल, रोटी के लिए गुंथे गए आटे की आकृति गोल होती है और वह पितरों के पिंड के समान दिखाई देता है. इसलिए इस आटे पर उंगलियों के निशान छाप दिए जाते हैं. ताकि वह पितरों को अर्पित किया जाने वाले पिंड के समान ना दिखाई दे. और आसानी से उस का रोटी बनाई जा सकें.
तवा कड़ाई उल्टा रखना अशुभ फल दायक है. आपने आज तक कई घर में लोगों को रसोई के अंदर तवा और कढ़ाई को उल्टा रखते हुए देखा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं. ऐसा करना बिल्कुल गलत है. वास्तु के अनुसार तवा को राहु के फन का प्रतिक रूप में देखा जाता है. रसोई में से उल्टा तवा रखने से सुख संपन्नता पर बुरा असर पड़ता है. और दरिद्रता बनी रहती है.
वास्तु के अनुसार पहली और आखिरी रोटी वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के सदस्यों को भोजन परोसने से पहले ध्यान रखें कि पहली रोटी गाय को और दूसरी रोटी कुत्ता के लिए जरूर निकालना चाहिए. इस घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार मिलता है.
