Venus In 4th House Effects: जन्म कुंडली में चौथा भाव इंसान के घर, सुख, माता, गाड़ी, जमीन-जायदाद और मानसिक शांति से जुड़ा होता है. वहीं शुक्र ग्रह सौंदर्य, प्रेम, रिश्ते, धन, भोग-विलास और कला का प्रतिनिधि माना गया है. जब यह ग्रह चौथे भाव में बैठता है, तो व्यक्ति के जीवन में भौतिक सुखों की भरमार हो सकती है, लेकिन कई बार यही शुक्र अगर अशुभ स्थिति में हो, तो सुख देने वाला ग्रह भी बेचैनी, असंतोष और पारिवारिक दूरी का कारण बन जाता है. चौथा भाव व्यक्ति की जड़ों, उसके घर के वातावरण और मन की स्थिति से जुड़ा होता है. शुक्र जब इस भाव में मजबूत होकर बैठता है, तो व्यक्ति का मन सौंदर्य, सुकून और आराम की तरफ झुकता है. ऐसा व्यक्ति अपने घर को खूबसूरत बनाए रखने में काफी ध्यान देता है. वहीं कमजोर शुक्र घर के माहौल को अस्थिर कर सकता है, जिससे मानसिक तनाव और रिश्तों में खटास आने लगती है.

शुक्र चौथे भाव में होने के सकारात्मक प्रभाव (Positive Effects)
1. शानदार घर और जीवनशैली – जिनकी कुंडली में शुक्र चौथे भाव में बैठा हो, उनके पास सुंदर घर, गाड़ियाँ और आलीशान चीज़ें होती हैं, ये लोग अपने रहने की जगह को सजाने-संवारने में बहुत दिलचस्पी रखते हैं.
2. माता का स्नेह और सुख – शुक्र शुभ स्थिति में हो तो मां से अच्छा रिश्ता रहता है. उनकी कृपा से जीवन में शांति और भावनात्मक संतुलन बना रहता है.
3. रचनात्मकता और कला में रुचि – इस स्थिति वाले लोग संगीत, इंटीरियर डिजाइन, फैशन या फिल्म जैसे क्षेत्रों में नाम कमा सकते हैं. इन्हें सुंदरता से जुड़ी हर चीज़ पसंद होती है.
4. मानसिक सुकून और आकर्षक व्यक्तित्व – शुक्र इस भाव में व्यक्ति को नम्र, सुसंस्कृत और आकर्षक बनाता है. ऐसे लोग दूसरों को अपनी बातों और स्वभाव से सहज महसूस कराते हैं.
5. भौतिक सुखों की प्रचुरता – जीवन में धन, गाड़ियाँ, आरामदायक जीवन और स्वादिष्ट भोजन जैसी सुविधाएं आसानी से मिलती हैं.
शुक्र चौथे भाव में होने के नकारात्मक प्रभाव (Negative Effects)
1. भावनात्मक अस्थिरता – अगर शुक्र कमजोर हो या पाप ग्रहों से पीड़ित हो तो व्यक्ति का मन बेचैन रहता है. छोटी-छोटी बातों पर मूड बदल जाता है.
2. माता से दूरी या तनाव – कुछ मामलों में मां से अलगाव या संबंधों में खटास हो सकती है. घर का वातावरण अस्थिर हो जाता है.
3. फिजूल खर्च और दिखावा – शुक्र के नकारात्मक असर से व्यक्ति अपनी लाइफस्टाइल पर जरूरत से ज्यादा पैसा खर्च कर देता है.
4. अत्यधिक सुख की चाह – ये स्थिति इंसान को इतना आरामपसंद बना देती है कि मेहनत करने की आदत कमजोर पड़ जाती है.
5. प्रेम संबंधों में उलझनें – कई बार घर-परिवार के मामलों में प्यार या रिश्ते तनावपूर्ण हो जाते हैं, जिससे मानसिक अशांति बढ़ती है.
शुक्र चौथे भाव के उपाय (Effective Remedies)
1. शुक्रवार को व्रत रखें – हर शुक्रवार व्रत रखने और सफेद वस्त्र पहनने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है.
2. चांदी का प्रयोग बढ़ाएं – चांदी की अंगूठी या बर्तन का इस्तेमाल शुभ फल देता है.
3. गाय या कन्या को दान करें – शुक्रवार को सफेद वस्तुएं, जैसे चावल, दूध या वस्त्र दान करना लाभकारी होता है.
4. शिव और मां लक्ष्मी की पूजा करें – शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें.
5. सकारात्मक सोच बनाए रखें – घर में हमेशा साफ-सफाई और खुशहाल माहौल रखें, क्योंकि चौथा भाव सीधे मानसिक शांति से जुड़ा होता है.