Last Updated:
Virat Kohli Visit Simhanchalam Temple: इंडियन क्रिकेटर विराट कोहली अफ्रीका के खिलाफ विशाखापट्टनम में खेले गए आखिरी वन-डे में जीत के बाद सिंहाचलम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे. ये मंदिर सदियों से एक खास मान्यता के कारण दुनिया भर में फेमस है.

सिंहाचलम में विराजते हैं विष्णु के रुद्र अवतार- सिंहाचल मंदिर में विष्णु भगवान के रुद्र अवतार नरसिंह देव की पुजा की जाती है. यह मंदिर लक्ष्मी नरसिंह को समर्पित हैं. ये मंदिर दक्षिण भारत के मुख्य तीर्थस्थलों में से एक हैं.

800 फीट ऊंचे पर्वत पर बसा है मंदिर- सिंहाचलम मंदिर 800 फीट ऊंचे पर्वत पर बसा हुआ है. भक्त पारंपरिक रूप से भैरव द्वारम नामक पहाड़ी की तलहटी से लगभग 1000 सीढ़ियां चढ़कर श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी के मुख्य मंदिर तक पहुँचते हैं.

सिंहाचलम का मतलब- मंदिर का नाम ‘सिंहाचलम’ दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘सिंह’ जिसका अर्थ है ‘सिंह’ (शेर) और ‘अचल’ जिसका मतलब है ‘पर्वत’. यह पर्वत और मंदिर भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार से जुड़ा है, जो उन्होंने प्रह्लाद के अत्याचारी पिता हिरण्यकश्यप का वध के लिए लिया था.
Add Bharat.one as
Preferred Source on Google

सदियों पुरानी मान्यता- सदियों पुरानी मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में विराजमान भगवान की मूर्ति साल में केवल एक बार ही दर्शन के लिए खुलती है. बाकी पूरे साल विग्रह पर मोटी चंदन की परत चढ़ी रहती है.

मूर्ति पर चंदन का लेप क्यों लगा रहता है?- दरअसल, इस मंदिर में भगवान लक्ष्मी नरसिंह प्रह्लाद की शांति प्रार्थना के बाद सौम्य रूप में विराजमान हुए. मान्यता है कि भगवान ने स्वयं प्रह्लाद से कहा था कि उन्हें सालभर चंदन का लेप लगाया जाए ताकि उनका उग्र रूप की ऊर्जा संतुलित रहे.







