Tuesday, October 21, 2025
35 C
Surat

What to do with old Lakshmi-Ganesh idols after Deepawali | दिवाली के बाद लक्ष्णी-गणेश की पुरानी मूर्तियों का क्या करें


Last Updated:

Deepawali 2025: दिवाली के बाद लक्ष्मी-गणेश की पुरानी मूर्तियों के साथ क्या किया जाए, यह एक ऐसा सवाल है जो हर साल लाखों घरों में उठता है. बच्चों को भी इस परंपरा के पीछे का महत्व समझाएं ताकि वे मूर्तियों का आदर करना सीखें. आइए जानते हैं दिवाली के पूजन के बाद पुरानी मूर्तियों का क्या करना चाहिए.

दिवाली के बाद लक्ष्णी-गणेश की पुरानी मूर्तियों का क्या करें, जानें सही जवाब

Lakshmi-Ganesh Idols: कार्तिक अमावस्या की रात घर-घर धूमधाम से लक्ष्मी-गणेश पूजन किया जाता है और फिर अगले दिन गोवर्धन के पर्व की तैयारियां की जाती हैं. लेकिन अक्सर आपके मन में सवाल आता होगा कि पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का क्या किया जाए. धार्मिक दृष्टि से मूर्तियों को सिर्फ सजावट की वस्तु नहीं माना जाता, बल्कि उन्हें पूज्य और आदरणीय स्वरूप के रूप में देखा जाता है. इसलिए इन्हें किसी भी तरह से फेंकना या कूड़े में डालना अनुचित माना जाता है. आइए जानते हैं दिवाली के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का क्या करना चाहिए…

सम्मान पूर्वक इस तरह करें विदा
धनतेरस के दिन गणेश-लक्ष्मी की नई मूर्तियां घर लाई जाती हैं, जिनकी शुभ मुहूर्त में कार्तिक अमावस्या की रात यानी दिवाली की रात विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. वहीं पुरानी मूर्तियों की जगह नई मूर्तियां ले लेते हैं. दिवाली पर जिन मूर्तियों की पूजा होती है, उनको साल भर तक घर के पूजा स्थल पर रख देते हैं और पूजा करते हैं. वहीं जो पुरानी मूर्तियां हैं, उनको सम्मानपूर्वक विदा कर दिया जाता है.

इनकी दोबारा कर सकते हैं पूजा
हिंदू परंपरा के अनुसार, सोना-चांदी, पीतल या अन्य धातुओं की मूर्तियों को गंगाजल से शुद्ध करके दोबारा पूजन में प्रयोग किया जा सकता है. ऐसी मूर्तियों को हर साल बदलने की आवश्यकता नहीं है, ये मूर्तियां लंबे समय तक पूजनीय मानी जाती हैं. यह मूर्तियां घर की स्थाई तौर पर गणेश-लक्ष्मी मां मानी जाती हैं.

घर में आती है सुख-शांति
मिट्टी की मूर्तियां हर साल बदलनी चाहिए क्योंकि मिट्टी की मूर्ति नए जीवन और नश्वरता का प्रतीक मानी जाती हैं. जैसे हर साल दीपक जलाने और पूजन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, वैसे ही मान्यता है कि नई मूर्तियां लाने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

इन दिनों ना करें विसर्जन
पुरानी मूर्तियों को कभी भी फेंकना, अपवित्र स्थान पर रखना या कूड़े में नहीं डालना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है. पूजन के बाद मूर्तियों को किसी पवित्र नदी, तालाब या बहते हुए जल में विसर्जित कर दें. मूर्ति विसर्जन के लिए सोमवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है. मंगलवार को कभी भी मूर्ति का विसर्जन नहीं करना चाहिए, सूर्यास्त के बाद भी मूर्ति विसर्जन नहीं करना चाहिए, हमेशा सूर्योदय के समय ही मूर्ति विसर्जन करें.

यहां कभी ना रखें मूर्तियां
विसर्जन करते समय भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का ध्यान करें, यह प्रकिया घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है. अगर घर के आसपास कोई नदी या तालाब नहीं है तो आप मिट्टी की मूर्तियों को बाल्टी में पानी में डुबोकर रखें, अगले 2 या 3 दिन में यह दिन में पूरी तरह घुल जाएंगी. फिर बाद में उस पानी को तुलसी या किसी अन्य पौधे में डाल दें. मूर्ति को कभी भी गंदे स्थान या किसी पेड़ के नीच ना रखें.

authorimg

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

दिवाली के बाद लक्ष्णी-गणेश की पुरानी मूर्तियों का क्या करें, जानें सही जवाब

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img