भीलवाड़ा : वैसे तो आपने कई तरह की कचोरी का स्वाद लिया होगा लेकिन भीलवाड़ा की अगर कचौड़ी के स्वाद की बात की जाए तो इसका स्वाद आम कचौड़ी के मुकाबले बिल्कुल ही अलग है. हम आपको आज बताने जा रहे हैं भीलवाड़ा की ऐसी कचोरी के स्वाद की जो चटपटी नहीं बल्कि तीखी है यहां की कचौड़ी का स्वाद इतना तीखा है कि यह कचौड़ी खाने वाले की आंखों से आंसू निकाल दे लेकिन स्वाद इतना बेमिसाल है कि स्वाद के दीवाने फिर भी इसका स्वाद लेने से नहीं चूकते हैं.
भीलवाड़ा शहर में बनने वाली पप्पू की कचौड़ी की शुरुआत सन 1990 में बारिश के मौसम में हुई थी. पप्पू की कचौड़ी की खासियत यह है कि ये स्वाद में काफी तीखी और वजन में दमदार होती है जिसके चलते भीलवाड़ा शहर के रहने वाले स्वाद के दीवानों के लिए सुबह की पहली पसंद ये कचौड़ी बन गई है. यह कचौड़ी करीब 10 दिन तक खराब नहीं होती है.
भीलवाड़ा शहर के जवाहर नगर में दुकान लगाने वाले पप्पू भाई ने कहा मैंने कचौड़ी बनाने की शुरुआत सन 1990 से की थी. शुरुआती दौर में जब भी बारिश का मौसम आता था तब मैं कचौड़ी का ठेला लगा लेता था. आज लोगों को कचौड़ी का स्वाद इतना पसंद आया कि अब 12 महीने चाहे बारिश का मौसम हो या गर्मी हो या सर्दी कचौड़ी बनाता हूं. शुरुआती दौर में कचौड़ी की कीमत 50 पैसे थी और धीरे-धीरे बदलते दौर के साथ कीमत में बदलाव आया लेकिन कचोरी के स्वाद में आज भी बदलाव नहीं आया है
करीब 10 दिनों तक खराब नहीं होती है यह कचोरी
पप्पू कचोरी वाले कहते हैं कि हमारे यहां पर मिलने वाली कचौड़ी की खासियत यह है कि यह स्वाद में तीखी होती है जो भीलवाड़ा ही नहीं पूरे राजस्थान में कहीं नहीं मिलती है. इसके साथ ही कचौड़ी का वजन भी साधारण कचौड़ी के मुकाबले कुछ मात्रा में ज्यादा होता है. क्योंकि इसमें मसाला ज्यादा भरा जाता है. यह कचौड़ी लगभग 10 दिन तक खराब नहीं होती हैं. हमारे यहां से ग्राहक आस्ट्रेलिया, पेरिस और मुंबई तक कचौड़ी और इसका मसाला लेकर ले जाते हैं. इसके साथ ही दूर दराज से आने वाले ग्राहक कचौड़ी का मसाला ठंडा करके ले जाते हैं. 7 घंटे में ग्राहक 1 हजार से 1200 कचौड़ी खा लेते हैं
FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 23:30 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-this-shortbread-has-an-incomparable-taste-it-was-started-in-1990-during-the-rainy-season-it-does-not-spoil-for-10-days-8623846.html