Agency:Bharat.one Madhya Pradesh
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ठंड का मौसम खत्म होते ही बेर का सीजन भी समाप्त हो जाएगा. इस फल का क्रेज सिर्फ ठंड तक सीमित नहीं है. लोग गर्मियों में भी इसे खूब खाते हैं. सुखाए गए बेर से बिरचुन बनाया जाता है और इसे उबालकर भी खाया जाता है. आइए …और पढ़ें

छत में सूखते बेर फल
हाइलाइट्स
- छतरपुर जिले में ठंड का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है.
- ठंड के खत्म होते ही बेर का सीजन भी समाप्त हो जाएगा.
- लोग सिर्फ ठंड में ही नहीं, बल्कि गर्मियों में भी बेर खूब खाते हैं.
छतरपुर: छतरपुर जिले में ठंड का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है. इसके साथ ही कई सीजनल फलों की उपलब्धता भी घटने लगी है. इन्हीं मौसमी फलों में बेर भी शामिल है, जिसे लोग ठंड के मौसम में खूब पसंद करते हैं. हालांकि, गर्मियों में भी बेर की मांग बनी रहती है. इसलिए लोग अभी से इसे संरक्षित करने की तैयारियों में जुट गए हैं.
अब जिलेभर में छतों पर बेर सुखाने का काम तेजी से हो रहा है. दरअसल, सूखे बेर का उपयोग गर्मी के मौसम में बिरचुन बनाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसे उबालकर भी खाया जाता है, जिससे गर्मियों में भी इसका स्वाद और पोषण बरकरार रहता है.
बेरों को सुखाने का किया जा रहा है काम
युवा किसान सत्यम शुक्ला Bharat.one से बातचीत में बताते हैं कि बेर आने का आखिरी माह फरवरी होता है. इसलिए अभी बेरों को इकट्ठा करके छतों में सुखाने का काम चल रहा है. क्योंकि बेर फलने का समय चला गया है. अब तो हर दिन ज्यादा से ज्यादा पेड़ों से बेर पट रहे हैं. अब हर दिन इतने बेर गिरते हैं कि अगर बीनो न तो सड़ जाते हैं. इन्हीं बेरों को सुखा देंगे तो सड़ने से बच जाएंगे और गर्मियों में खानें के काम आ जाएंगे.
सूखने के बाद बदल जाता है स्वाद
सत्यम बताते हैं कि बेर सूखने के बाद और भी मीठा हो जाता है. चाहे बेर की कौन सी वैरायटी हो,सूखने के बाद सभी मीठे लगते हैं. अगर किसी खट्टी बेरी का बेर भी है तो वह भी सूखने के बाद बेहद ही मीठा हो जाता है.
गर्मी मौसम में उबालकर खाया जाता है
सत्यम बताते हैं कि गर्मी के सीज़न में जब सुबह से खाने को कुछ नाश्ता नहीं मिलता है तो इन सूखे बेरों को ही पानी में उबालकर नमक मिलाकर खा लेते हैं. इसका स्वाद लाजवाब लगता है. ये सबसे अच्छा नाश्ता होता है. हालांकि, उबले बेरों को दिनभर भी खाते हैं.
बिरचुन बनाकर खाते हैं लोग
सत्यम बताते हैं कि बेर को उबालकर तो खाते ही हैं, साथ ही बेर का बिरचुन बनाकर भी खाया जाता है. बिरचुन मतलब सूखे बेरों को कूटकर, छानकर इसका चूर्ण तैयार किया जाता है. इस चूर्ण को बच्चों से लेकर बूढ़े तक खाते हैं. इस चूरन को सूखा भी खाया जाता है और पानी के साथ भी सानकर (मिलाकर) खाया जाता है. इससे ख़ाकर बच्चों से लेकर बूढ़ों तक का पाचन सही रहता है.
Chhatarpur,Madhya Pradesh
February 16, 2025, 21:12 IST
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-ber-fruit-craze-health-benefits-seasonal-use-know-benefits-local18-9031037.html