सहारनपुर: गंगोह नगर में स्थित एक पुरानी दुकान के पेड़े भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों तक अपनी मिठास बिखेर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं मोधू की दुकान की, जिसे 350 साल पुराना बताया जाता है. दुकान के मालिक मनोज कुमार गोयल बताते हैं कि उनकी दुकान पर बनने वाले पेड़ों का स्वाद सबसे अलग और खास है, जिससे लोग दूर-दूर से यहां आते हैं. उनकी दुकान के पेड़े, घेवर, बर्फी और गाजर का हलवा भी काफी प्रसिद्ध हैं.
मोधू की दुकान का पेड़ा अंग्रेजों के समय से ही लोकप्रिय था और इसे आज उनकी सातवीं पीढ़ी चला रही है. मनोज कुमार गोयल बताते हैं कि हलवाई के साथ मिलकर मिठाई को विशेष तरीके से तैयार किया जाता है. जब ग्राहक पेड़ा खाकर तारीफ करते हैं, तो उनकी मेहनत सफल हो जाती है. इस दुकान पर कई बड़े नेता भी पेड़े का स्वाद चख चुके हैं, और यहां तक कि अमर शहीद लाला जगत नारायण भी इस दुकान के पेड़े का आनंद ले चुके हैं.
पेड़े को बनाने का अनोखा तरीका
मनोज कुमार गोयल बताते हैं कि पेड़े को बनाने का तरीका भी अनोखा है. सबसे पहले मावे को भूनकर, उसमें दूध का इस्तेमाल किया जाता है. पेड़े को अच्छा बनाने के लिए इसमें अपने आप रवा पैदा किया जाता है और स्वाद को बढ़ाने के लिए इलायची का इस्तेमाल होता है. सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए, रोजाना ताजे पेड़े तैयार किए जाते हैं, जिनमें कम मीठा होता है, ताकि शुगर के मरीज भी इसका आनंद ले सकें.
विदेशों में भी लोकप्रिय
इस दुकान के पेड़े खाने और खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. यहां के लोग मोधू की दुकान के पेड़े को इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, दुबई, श्रीलंका, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में तोहफे के रूप में ले जाते हैं. जो भी मोधू की दुकान का पेड़ा खाता है, वह यही कहता है कि उन्होंने ऐसा स्वादिष्ट पेड़ा पहले कभी नहीं खाया.
FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 12:21 IST
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