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गाय के दूध से बनी पोकरण की इस मिठाई का हर कोई है दीवाना, जानें कब से मिली पहचान-Everyone is crazy about this Pokaran sweet made from cow’s milk, know when it got its recognition


पोकरण (जैसलमेर) : साल 1974 में जब पोकरण, जैसलमेर के खेतोलाई गांव में हुए परमाणु परीक्षण के कारण विश्व के मानचित्र पर उभरा, उसी साल इस क्षेत्र को एक और खास पहचान मिली, जो थी यहां की प्रसिद्ध मिठाई चमचम. पोकरण की इस खास मिठाई ने स्थानीय और बाहर से आए लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली और आज यह पोकरण की पहचान बन चुकी है.

कैसे मिली चमचम को पहचान?
1974 में परमाणु परीक्षण के दौरान बाहर से आए वैज्ञानिक और सेना के जवान पोकरण कस्बे के भीतरी इलाकों में घूमा करते थे. एक दिन, रेलवे स्टेशन पर स्थित एक दुकान पर उन्हें चमचम नाम की मिठाई का स्वाद चखने का मौका मिला. यह मिठाई उन्हें इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसे न सिर्फ वहीं बार-बार खाया, बल्कि इसे अपने साथ डिब्बों में बंद करवा कर भी ले गए. धीरे-धीरे इस मिठाई का स्वाद पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया और पोकरण की चमचम देश के विभिन्न हिस्सों में मशहूर हो गई.

क्या खास है पोकरण की चमचम में?
चमचम मिठाई तो देश के अन्य हिस्सों में भी बनती है, लेकिन पोकरण की खास जलवायु के कारण इसका स्वाद अन्य जगहों की तुलना में अधिक लाजवाब होता है. पोकरण रेलवे स्टेशन पर स्थित श्याम चमचम वाला दुकान के मालिक स्वरूप शर्मा बताते हैं कि उनकी तीन पीढ़ियों से यह मिठाई बनाने का काम चलता आ रहा है. पहले यह मिठाई सफेद रंग की हुआ करती थी, जिसका नाम इसकी चमक के कारण चमचम रखा गया. अब इसमें केसर डालने लगे हैं, जिससे इसका रंग हल्का पीला हो गया है.

शर्मा बताते हैं, ‘पोकरण आने वाला हर यात्री इस मिठाई को खाए बिना अपनी यात्रा को अधूरी मानता है. स्थानीय लोग भी त्योहारों पर सबसे ज्यादा चमचम ही पसंद करते हैं’.

राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी आई थी पसंद
1974 और 1998 में हुए परमाणु परीक्षण के दौरान राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी पोकरण आए थे. परीक्षण के बाद वे पोकरण की इस मिठाई के इतने दीवाने हो गए थे कि अपने साथ भी इसे लेकर गए. ‘परमाणु: स्टोरी ऑफ पोकरण’ नामक फिल्म में भी इस मिठाई का जिक्र किया गया है, जो इसकी लोकप्रियता को और भी बढ़ाता है.

परमाणु के साथ पोकरण की मिठास भी हुई मशहूर
चमचम अब पोकरण की पहचान का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है. यहां आने वाले पर्यटकों को स्थानीय लोग सलाह देते हैं कि पोकरण आएं तो चमचम का स्वाद जरूर लें. चाहे त्योहार हो या साधारण दिन, यह मिठाई हर अवसर पर यहाँ के लोगों की पहली पसंद है.


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