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सूरज कुमार ने लोकल18 को बताया कि 25 साल पहले उनके पिता सड़क किनारे चाय का स्टाल लगाते थे. धीरे-धीरे पेड़ा मिलना शुरू हुआ, फिर मिठाई मिलने लगा, जो लोगों को बेहद पसंद आने लगा. मिठाई की इतनी डिमांड बढ़ी कि झारखंड, बिहार समेत छत्तीसगढ़, उड़ीसा और दिल्ली तक जाने वाले लोग यहां के मिठाई को लेकर गए है. अब यहां डोसा, चाट, चाउमिन, पनीर चिल्ली समेत सभी तरह के आइटम मिलते है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-palamu-suraj-savera-sweets-famous-25-years-journey-from-tea-shop-to-restaurant-know-more-local18-9168224.html