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जालना की मोसंबी उत्तर भारत में हो रही मशहूर, हर दिन होता है 200-500 टन का निर्यात


जालना: जालना जिले में सबसे ज्यादा मोसंबी की फसल उगाई जाती है. फिलहाल अंबिया बहार की मोसंबी जालना मोसंबी मार्केट में बिक्री के लिए आ रही है. बाजार में हर दिन 200 से 500 टन मोसंबी आ रही है. इस मानसून में 18000 से 22 हजार रुपये प्रति टन का रेट मिल रहा है.

उत्तर भारत में बढ़ रही जालना के मोसंबी की मांग
मराठवाड़ा की मिट्टी में पैदा होने वाली मोसंबी का स्वाद विशेष होता है और यह टिकाऊ होती है, इसलिए उत्तर भारत में मोसंबी की भारी मांग है. यहां लोकल18 ने रिव्यू की है कि जालना मोसंबी मार्केट से उत्तर भारत के किन राज्यों के लिए मोसंबी जा रहे हैं.मोसम्बी खरीदने और बेचने के लिए जालना राज्य का सबसे बड़ा बाजार है. यहां रोजाना 200 से 500 टन मोसंबी का आयात किया जा रहा है. शुरुआती दिनों में जैसे-जैसे मोसम्बी के फल गिर रहे थे, किसान बड़ी मात्रा में माल बाजार में ला रहे थे. फिलहाल बारिश के कारण आवक कुछ कम है, लेकिन रोजाना 150 से 200 टन मोसम्बी की आवक हो रही है.

कितने रूपए टन में बिकती है मोसंबी?
जालना और छत्रपति संभाजीनगर के अलावा, बीड, परभणी और बुलढाणा जिले के कुछ हिस्सों में भी जालना बाजार से मैंगोस्टीन का उत्पादन होता है. इस मानसून में शुरुआत में 12 से 18 हजार रुपए प्रति टन का रेट मिला है. अब इस कीमत में सुधार हुआ है और मोसंबी 18 से 22 हजार रुपये प्रति टन की कीमत पर बिकती है.

FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 14:51 IST


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-north-india-people-are-liking-mosambi-of-jalna-per-day-500-tonnes-are-exported-8633286.html

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