Sunday, December 8, 2024
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फरीदबाद के इस गोलगप्पे का जोर नहीं, स्वाद ऐसा कि भूल जाएंगे गिनती, 35 सालों से है बादशाह


फरीदाबाद. भारत के अलग-अलग शहरों में गोलगप्पे को कई नामों से जानते हैं. क्षेत्र और भाषा के आधार पर गोलगप्पे का नाम भी बदल जाता है, लेकिन इसका स्वाद वैसा ही रहता है. हरियाणा में गोलगप्पे को ‘पानी पताशी’ कहते हैं. चटोरों की जान गोलगप्पों में बसी होती है. फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में ज्ञान चार्ट भंडार के नाम से बल्लभगढ़ के गुर्जर चौक पर धर्मेन्द्र पिछले 5 सालों से रेहड़ी लगा रहे हैं. इससे पहले धर्मेन्द्र रेहड़ी बल्लभगढ़ अग्रवाल धर्मशाला पर लगाते थे और अब बल्लभगढ़ के गुज्जर चौक पर लगाते हैंं. यहां की पानी पुरी इनती टेस्टी है कि रोजाना लोगों की भीड़ रहती है.

35 सालों से लोगों की है फेवरेट जगह
धर्मेन्द्र ने Local18 को बताया ज्ञान चार्ट भंडार के नाम से यह हमारी रेहड़ी है. इस काम की शुरुआत मेरे पिताजी ने आज से 35 साल पहले की थी. हालांकि अब पिताजी के बाद धर्मेन्द्र ने बताया इस दुकान को हम चला रहे हैं. पिताजी पहले इस दुकान को बल्लभगढ़ अग्रवाल धर्मशाला पर लगाते थे. फिलहाल हम इसको पिछले 5 सालों से गुजर चौक पर लगा हैं. हमारे पास कस्टमर दूर-दूर से आते हैं. इस दुकान पर जैसे पलवल, गोच्छी, ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़, गाजियाबाद, दिल्ली से तो सभी जगह से ग्राहक आते हैं.  धर्मेंद्र ने बताया कि सारा आइटम हम घर बनाते हैं. बाहर की कोई भी चीज मैं इस्तेमाल नहीं करता. रोजाना 500 प्लेट गोलगप्पे बिक जाती है. धर्मेंद्र ने बताया कि हमारे पास जितने ग्राहक आते हैं, सब गोलगप्पे का स्वाद है और पानी का कुछ अलग ही टेस्ट है.

ऐसे तैयार करते हैं पानी
पानी में इमली है, खटाई है, नमक है, मिर्च है, जीरा, पुदीना, हरा धनिया, बूंदी है. यह यह सब चीज हम पानी में मिलाते हैं. हमारे पास तीन तरह की पानी है. गोलप्पे सूजी वाले और आटे वाले है. गोलगप्पे के अलावा टिक्की और समोसे भी हम रखते हैं. धर्मेंद्र ने बताया कि हम रेहड़ी दोपहर 2:00 बजे से लेकर रात को 8:30 बजे तक लगाते हैं. हम लोगों को स्वाद देते हैं, इसलिए ग्राहक दूर-दूर से हमारे दुकान पर आते हैं.
धर्मेंद्र ने बताया कि इस दुकान का नाम मेरे पापा के नाम पर है. मेरे पापा का नाम ज्ञान है. धर्मेंद्र ने बताया कि जब 35 साल पहले जो मेरे पापा ने गोलप्पों की शुरुआत की थी, तो उस टाइम पर गोलगप्पे का जो रेट था 35 साल पहले पिताजी 1 रुपए के चार बेचते थे और अब 10 रुपए के चार गोलगप्पे बेच रहा हूं. 35 साल पहले पिताजी टिक्की 2 रुपए की एक बेचते थे. आज वो टिक्की 20 रुपए की है. इसी से मेरा पूरा घर का खर्चा चल रहा है.

जानिए क्या कहते हैं ग्राहक
ग्राहक अजय कुमार ने कहा कि मैं इस दुकान पर 2007 से आ रहा हूं. उस समय मैं 10वीं कक्षा में पढ़ता था. तब से अब तक इस दुकान पर गोलगप्पे खा रहा हूं. जब भी मैं इधर से निकलता हूं गोलगप्पे जरूर खाता हूं. इनके जो पानी में जो टेस्ट ऐसा टेस्ट बड़ा ही जबरदस्त है. जब भी मैं आता हूं तो अक्सर भीड़ होती है. काफी देर में नंबर आता है. अजय कुमार ने यह भी बताया है कि गोलगप्पे के अलावा टिक्की और पापड़ी भी अच्छा बनाते हैं. ग्राहक सतनाम सिंह ने बताया कि गोलगप्पा इनका काफी स्वादिष्ट रहता है. सारा टेस्ट पानी का ही है. सतनाम सिंह ने बताया कि मैं इस दुकान पर 12 सालों से आ रहा हूं. यहां की क्वालिटी अच्छी है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-recipe-faridabad-famous-golgappa-its-taste-is-such-that-you-will-forget-the-count-king-from-35-years-8614439.html

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