बहराइच /बिन्नू वाल्मीकि: जब बात देशी घी वाली बाटी-चोखे की आती है, तो मुंह में पानी आ ही जाता है. बहराइच शहर में बाटी-चोखा को पसंद करने वालो की कोई कमी नहीं है, शायद यही वजह है कि बहराइच में पिछले कई सालों से बाटी-चोखा लोगों का पसंदीदा रहा है.
बहराइच शहर में वैसे तो बाटी-चोखे की कई दुकानें हैं. लेकिन, एक दुकान बेहद खास से है जो शहर के हेड पोस्ट ऑफिस के पास मनोज बाटी-चोखा के नाम से प्रसिद्ध है. यहां हर रोज सैकड़ों लोग बाटी-चोखा खाने आते हैं.
कैसे तैयार होती है स्वादिष्ट बाटी
मनोज बाटी-चोखा बनाने की शुरुआत दिन के साथ ही कर देते है. इसको गेहूं के आटे को गूंथ कर गोली आकार दिया जाता है. फिर इसमें चने का सत्तू व मसाले को भरा जाता है. फिर ये उपले पर सिकने के लिए तैयार हो जाती है. 10 से 15 मिनट धीमी आंच पर बाटी की सिकाई की जाती है, जिसके बाद स्वादिष्ठ बाटी तैयार हो जाती है.
चोखा बनाने की विधि
चोखा बनाने के लिए पहले इसमें पड़ने वाले बैगन, टमाटर, लहसुन को धीमी आंच पर भुन लिया जाता है. फिर आलू को उबालकर मसाले, नमक इसमें मिलाते हैं. और इस तरह चोखा तैयार हो जाता है.
मिट्टी के बर्तन में गरमा-गरम दाल
मनोज बाटी-चोखा के साथ ग्राहकों को देने वाली दाल को प्रेशर कुकर में बनाने के बाद मिट्टी की हांडी में रख लेते हैं, जिसके दो फायदे है. एक तो दाल की गर्माहट बनी रहती है, दूसरी दाल में सोंधापन भी आ जाता है.
स्वाद बढ़ा देता है सलाद-अचार और चटनी
मनोज ने बताया है वह अपने ग्राहकों को बाटी के साथ चोखा, सलाद, अचार, चटनी भी देते है, वो भी पुरइन के पत्ते पर. इसकी कीमत मात्र 20 रुपये प्रति प्लेट है. पुरइन के पत्ते को 90 के दशक तक ग्रामीण इलाकों में आयोजित होने वाले शादी समारोह और अन्य आयोजनों में पत्तल प्लेट की जगह लोगों को भोजन के लिए किया जाता है.
FIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 15:08 IST
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