बहराइच: बारिश के मौसम में लोग पकौड़े और चाय पीना ज्यादा पसंद करते हैं. लेकिन, बहराइच में अमृतसरी कुलचे धमाल मचा रहा है. लोग बारिश के मौसम में अमृतसरी कुलचे का बड़े चाव से स्वाद ले रहे हैं. प्याज और इमली की चटनी बारिश में इसको और चटकारा बना रही है. ये कम समय पर घर में तैयार होने वाली एक स्वादिष्ट डिश है.
नाश्ता हो या लंच-डिनर, आप कुल्चे का स्वाद कभी भी ले सकते हैं. इसे आप फटाफट और आसानी से घर पर तैयार कर सकते हैं. इन्हें बनाने के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत भी नहीं पड़ती है.
अमृतसरी कुलचा बनाने में लगने वाला सामान
स्वादिष्ट अमृतसरी कुलचे बनाने के लिए एक कप मैदा, दही, बेकिंग,सोडा, बेकिंग पाउडर, देसी घी, नमक स्वादानुसार, उबले आलू , जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, चाट मसाला पाउडर, बारीक कटा प्याज, बारीक कटी हरी धनिया और मिर्च, लाल मिर्च पाउडर और गरम मसाला पाउडर तैयार रखें.
बनाने की विधि
सबसे पहले कुलचे के लिए आटा गूंथ कर तैयार कर लें. फिर एक प्लेट में मैदा लें और उसमें दही डालें. साथ ही देसी घी डालकर मिक्स कर लें. एक चम्मच बेकिंग सोडा, बेकिंग पाउडर और नमक को मिक्स कर लें. गूंथे हुए आटे में थोड़ा देशी घी लगाकर एक कपड़े से ढककर छोड़ दें. फिर उबले आलू को पेस्ट के रूप में तैयार कर लें. कटी प्याज, हरी मिर्च, नमक, चाट मसाला, जीरा-धनिया का पाउडर और लाल मिर्च डालकर मिक्स कर लें. फिर आटे की गोली बनाकर इस मिश्रण को भर लें.
प्याज-इमली की चटनी बनाने की रेसिपी
प्याज और इमली की चटनी मिनटों में तैयार हो जाती है. इसे बनाने के लिए रातभर भिगी इमली का गूदा लेकर मसल लें. फिर इसे किसी बाउल में लेकर इसमे बारीक कटा प्याज, हरी धनिया, हरी मिर्च और काला नमक डालकर मिक्स करें. साथ में जीरा पाउडर, चाट मसाला डालकर अच्छी तरह से चला लें. इसके बाद तैयार हो जाती है प्याज और इमली की चटपटी चटनी.
बहराइच में मिलते हैं 23 तरह के अमृतसरी कुलचे
बहराइच के अमृतसरी कुल्चे खाने के लिए आपको लखनऊ रोड पर ही टिकोरा मोड़ के पास आना पड़ेगा.यहां आपको अमृतसरी कुल्चे की फैमस दुकान मिल जाएगी. यहां आलू कुलचा, प्याज कुलचा, पनीर कुलचा, आटे कुलचे, मूंग दाल का कुलचा और भी बहुत सारे कुलचा उपलब्ध हैं.
FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 15:04 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-amritsari-kulcha-recipe-how-to-make-amritsari-kulcha-at-home-8596054.html