बोकारो. सावन का महीना भारतीय परंपरा अनुसार विशेष महत्व रखता है. इस महीने में लोग धार्मिक कारणों से लहसुन प्याज का सेवन नहीं करते हैं. वहीं बिहार झारखंड में लिट्टी चोखा सबसे प्रसिद्ध व्यंजन है. जिसे हर कोई खाना पसंद करता है, क्योंकि यह भूख मिटाने के साथ ही स्वाद में भी भरपूर होता है. ऐसे में अगर आप सावन महीने में बिना प्याज और लहसुन के स्वादिष्ट लिट्टी का आनंद उठाना चाहते हैं, तो बोकारो के चास में स्थित शंकर लिट्टी स्टॉल पर सावन को ध्यान रखते हुए बिना प्याज और लहसुन के स्वादिष्ट लिट्टी तैयार किया जाता है. जहां ग्राहक मात्र 10 रुपए शुद्ध घी के साथ लिट्टी का मजा ले सकते हैं.
15 सालों से सावन में करते हैं तैयार
लिट्टी दुकान के संचालक दुलाल ने Bharat.one को बताया कि उनकी दुकान पर बीते 15 सालों से सावन के मौके पर बिना लहसुन प्याज के लिट्टी चोखा तैयार की जा रही है. यह पहल धार्मिक आस्था को ध्यान रखते लिया गया है, ताकि हर कोई सावन के अवसर पर लिट्टी का स्वाद ले पाए. वहीं लिट्टी बनाने की रेसिपी को लेकर दुलाल ने बताया कि उनके यहां सावन परलिट्टी को तैयार करते समय, सत्तू, अजवाइन, मंगरेला, हरी मिर्च और अन्य मसालों का अच्छी तरह से मिश्रण कर आटे की लुई में भरकर कोयले के तंदूर में पकाया जाता है. चोखा तैयार करने के लिए उबले हुए आलू को सरसों तेल, नमक और टमाटर को मिलाकर चोखा तैयार किया जाता है. फिर ग्राहकों को गरमा गरम लिट्टी चोखा और धनिया, पुदीना की चटनी और खीरा के साथ दिया जाता है.
रोजाना 35 केजी आटा और 10 केजी सत्तू की खपत
वहीं सामान्य दिनों में ग्राहकों को सलाद में प्याज, लहसुन से मिश्रितलिट्टी चोखा परोसा जाता है उनकी दुकान पर सादा लिट्टी चोखा की कीमत 8 रुपए प्रति है और घी वाले लिट्टी की कीमत 10 रुपए प्रति पीस है. विक्रेता दुलाल ने बताया कि उनकी दुकान पर रोजाना 20 से 35 किलो आटा और 8 से 10 किलो सत्तू की खपत होती है. रोजाना उनकी दुकान पर 500 से 1000 पीस लिट्टी की बिक्री हो जाती है वहीं वह अपनी दुकान दोपहर 12:00 से लेकर शाम 7:00 बजे तक संचालित करते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 13:12 IST
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