Most Expensive Rice: चावल दुनिया भर में खाया जाना वाला वो फूड आइटम है, जिसने लोगों के दिल और जुबान के स्वाद पर कब्जा जमाया हुआ है. चावल के दुनिया भर में लोकप्रिय होने की खास वजह भी है. एक तो इससे कई तरह के व्यंजन बनाए जा सकते हैं, दूसरे इसका स्वाद लाजवाब होता है और इसे खाना आसान है. सबसे ऊपर है कि इससे शरीर को जरूरी पोषण मिलता है. चावल एनर्जी का एक अच्छा सोर्स है, जो हमें दिन भर काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाड्रेट प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त इसमें थायमिन, आयरन और मैग्नीशियम जैसे जरूरी विटामिन और खनिज होते हैं. जो आपको कम्पलीट हेल्दी बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं. फिर वो चाहें उबले हुए चावल हों या बिरयानी का सुगंधित स्वाद. चावल आसानी से विभिन्न प्रकार के व्यंजनों और उनको पूरक बन जाता है. इसीलिए यह किसी के भी भोजन का एक पसंदीदा विकल्प है.
अगर किसी से चावल की अच्छी किस्म के बारे में पूछा जाए तो यकीनन वो बासमती का नाम लेगा. इसमें कोई शक नहीं है कि यह आपने खास स्वाद और मोहक खुशबू के लिए जाना जाता है. बासमती भारत में लंबे चावल की एक उत्कृष्ट किस्म है. लेकिन चावल कई रूपों में आता है और इसे कई अलग-अलग ब्रांडों के तहत बेचा जाता है. लेकिन एक चीज है जो इनको अलग बनाती है, वो है इसकी कीमत. अगर महंगे चावलों की बात की जाए तो बासमती बहुत पीछे नजर आता है. भारत में चावल की ऐसी कई किस्में हैं, जिनके दाम 6-7 हजार रुपये प्रतिकिलो तक है. महंगे से महंगे बासमती की कीमत 700-800 रुपये किलो से ज्यादा नहीं होती. जबकि दुनिया में सबसे महंगे चावल की कीमत 100 यूएस डॉलर (लगभग 8,300 रुपये) प्रति किलो है. आइए जानते हैं कि कौन सी हैं चावल की वो किस्में जो इतनी महंगी बिकती हैं और क्या है उनकी खासियत.
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बीएसडी ऑर्गेनिक्स थूयमल्ली चावल
यह चावल 64 यूएस डॉलर यानी लगभग 5300 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिकता है. बीएसडी ऑर्गेनिक्स एक भारतीय कंपनी है जो आर्गेनिक यानी जैविक और पारंपरिक कृषि पद्धतियों के जरिये उच्च गुणवत्ता वाले कृषि सामानों के उत्पादन पर जोर देती है. थूयमल्ली, तमिलनाडु में पैदा होने वाले चावल की एक पारंपरिक किस्म है. इस किस्म का चावल महीन दाने वाला और सफेद होता है. यह चावल के विभिन्न प्रकार के व्यंजन और बिरयानी तैयार करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है.
बीएसडी ऑर्गेनिक्स मपिल्लई सांबा चावल
बीएसडी ऑर्गेनिक्स मपिल्लई सांबा चावल को लाल चावल के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसी किस्म है जिसे इसके पोषण संबंधी लाभों और अनूठी विशेषताओं के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है. चावल की इस किस्म की खेती मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी क्षेत्रों, विशेषकर तमिलनाडु में की जाती है. बीएसडी ऑर्गेनिक्स मपिल्लई सांबा चावल की कीमत 60 यूएस डॉलर (लगभग 5000 रुपये) प्रतिकिलो है. मपिल्लई सांबा चावल को इसका नाम इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण मिला है. क्योंकि इसे पारंपरिक रूप से तमिलनाडु में शादियों के दौरान परोसा जाता था. मपिल्लई शब्द का अर्थ दामाद है, जो इस चावल की किस्म से जुड़े महत्व और शुभता का प्रतीक है.
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इसकी ऊपरी परत पर प्राकृतिक लाल रंग की मौजूदगी के कारण यह चावल लाल-भूरे रंग का होता है. यह अपने पौष्टिक स्वाद के लिए जाना जाता है. इसकी लाल परत फाइबर, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो मपिल्लई सांबा चावल को परिष्कृत सफेद चावल का एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बनाती है. सफेद चावल की तुलना में उच्च पोषण मूल्य और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण चावल की इस किस्म को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक लोगों द्वारा पसंद किया जाता है. यह आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. मपिल्लई सांबा चावल का उपयोग आमतौर पर बिरयानी, पुलाव और पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजन तैयार करने के लिए किया जाता है.
राजामुडी ऑर्गेनिक्स
बेंगलुरु स्थित कंपनी राजामुडी प्राकृतिक, आर्गेनिक, स्वास्थ्य खाद्य उत्पादों को तैयार किए जाते हैं. साल 2021 में बनी यह कंपनी सुनिश्चित करती है कि उनकी पेशकश हानिकारक उर्वरकों और रसायनों से मुक्त हो. सभी उत्पादों का स्रोत और पैदावार की जगह कर्नाटक है. जिसमें खरीद और उत्पादन में शामिल स्थानीय किसानों का समर्थन करने पर जोर दिया जाता है. राजामुडी ऑर्गेनिक्स चावल की कीमत 54 यूएस डॉलर (लगभग 4500 रुपये) प्रतिकिलो है. यह आर्गेनिक चावल, जो अपने गहरे काले रंग के लिए प्रसिद्ध है, पकने पर गहरे बैंगनी रंग में बदल जाता है. यह स्वास्थ्य लाभों का एक पावरहाउस है. यह विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का एक उम्दा सोर्स स्रोत है. यह संभावित रूप से इम्युनिटी को बढ़ावा देने, बेहतर नींद को बढ़ावा देने और स्किन की सुंदरता बढ़ाने के लिए जाना जाता है.
सबसे ज्यादा पैदा होता है बासमती
घर में कोई दावत हो या शादी- ब्याह की पार्टी, सब जगह बासमती चावल का बोलबाला रहता है. बिरयानी बनाने के लिए भी बासमती को बेहतर माना जाता है. बासमती भारत में लंबे चावल की एक उत्कृष्ट किस्म है. भारत इस चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश भी है. भारत के बाद इसके सबसे बड़े उत्पादक देश पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश हैं. बासमती चावल के दाने अन्य चावलों के दाने से काफी लंबे होते हैं. पकने के बाद ये आपस में चिपकते नहीं है, बल्कि खिले हुए रहते हैं.
FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 13:14 IST
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