मधुबनी : मिथिलांचल की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक मिठाइयों के बीच पेड़ा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यह विशेष मिठाई न केवल अपनी स्वादिष्टता के लिए जानी जाती है, बल्कि यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी अहम हिस्सा है. मिथिला में हर खुशी के मौके पर भगवान को भोग अर्पित करने के बाद, पेड़ा वितरित किया जाता है. यह मिठाई स्थानीय लोगों की पसंदीदा है और इसकी विधि जानना कई लोगों के लिए रुचिकर हो सकता है.
Bharat.one से बात करते हुए, जीवछ साह ने पेड़ा बनाने की पारंपरिक विधि साझा की. उनके अनुसार, एक लीटर दूध से लगभग 200 ग्राम पेड़ा तैयार किया जा सकता है. उन्होंने पेड़ा बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत से लेकर अंत तक के सभी महत्वपूर्ण चरणों की जानकारी दी.
पेड़ा बनाने की विधि:
दूध उबालना: सबसे पहले, एक बड़े बर्तन में दूध डालें और उसे मध्यम आंच पर उबालें. दूध को लगातार हिलाते रहें ताकि वह जले नहीं.
दूध गाढ़ा करना: जब दूध उबलकर आधा हो जाए, तब उसे गाढ़ा करने के लिए धीमी आंच पर पकाते रहें. इस दौरान दूध का रंग बदल जाएगा और वह गाढ़ा हो जाएगा.
खोया बनाना: दूध जब काफी गाढ़ा हो जाए और उसमें से घी निकलने लगे, तो उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें. इससे खोया तैयार हो जाएगा.
खोया से पेड़ा तैयार करना: ठंडे खोये में चीनी और स्वादानुसार सूखे मेवे मिलाएं. इस मिश्रण को अच्छे से मिलाएं और फिर इसे छोटे-छोटे बॉल्स में आकार दें. पेड़ों को सूखे मेवों से सजाएं और अच्छे से ठंडा होने दें.
पेड़ा बनाने की इस विधि के जरिए आप न केवल इस मिठाई का आनंद ले सकते हैं, बल्कि मिथिला की सांस्कृतिक समृद्धि का भी अनुभव कर सकते हैं। जीवछ साह ने इस पारंपरिक मिठाई के प्रति अपने प्यार और ज्ञान को साझा कर, इसे और भी लोकप्रिय बना दिया है।
FIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 16:04 IST
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