Sunday, May 25, 2025
30 C
Surat

राजस्थान के इस शहर में सावन में बनती है यह स्पेशल मिठाई, विदेशों में भी भेजते हैं लोग-In this city of Rajasthan, this special sweet is made in Sawan, it has three to four types, people even send it to foreign countries


बीकानेर. धर्मनगरी नाम से विख्यात बीकानेर शहर का सावन तो पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां सावन में शिव मंदिरों और तालाबों पर विशेष पूजन और हवन किया जाता है. साथ ही अध्यात्म की अनुभूति के लिए ध्यान भी किया जाता है. बीकानेर में सावन हो और स्पेशल मिठाई न बने यह तो हो नहीं सकता है. पूरे प्रदेश में सावन में सबसे स्पेशल मिठाई बीकानेर में बनती है. यहां चना, चावल और बेसन से एक मिठाई तैयार होती है, जिसको यहां लोग सत्तू के नाम से बुलाते है.

यह स्पेशल मिठाई सावन में बनती है. इस बार सावन में अभी से दुकानों में सत्तू मिठाई बननी शुरू हो गई है. इस सत्तू के दीवाने ऐसे हैं कि यह मिठाई पूरे बीकानेर के हर घर में खाई जाती है और इस मिठाई को विदेशों में भी भेजा जाता है.

दुकानदार मुकेश ने बताया कि यहां स्पेशल सत्तू बनाए जाते हैं. वे बताते है कि यहां देशी घी के सत्तू बनाए जाते हैं. चावल और चना के सत्तू 440 रुपए किलो और गेहूं के सत्तू 400 रुपए किलो बेचे जाते है. वे बताते है कि इस दुकान से 117 सालों से बीकानेर सत्तू बनाकर बेच रहे है. वे बताते है कि अभी तो चना, बेसन, आटा से सातू बन रहे है लेकिन कुछ दिनों बाद इसके अलावा मावा, मोतीपाक, पंधारी सहित कई चीजों से यह सातू बनाया जाएगा.

बड़ी तीज पर घर की बाई (बहन)-बेटियों के यहां यह सातू भेजा जाता है. अभी कुछ ही मिठाई की दुकानों में यह सातू बनने शुरू हुए है. दुकान में चना, आटा, बेसन से सातू बनाया जाता है. अब धीरे-धीरे इसकी डिमांड बढ़नी शुरू हो गई है. इस सातू को लोग मंदिरो में भी चढ़ाते है. इस सातू का बड़ी तीज पर बड़ा महत्व माना जाता है. कुछ दिनों बाद यह मिठाई हर दुकान में बननी शुरू हो जाएगी.

दो से तीन घंटे में बनते है सत्तू
वे बताते है कि इसको बनने में दो से तीन घंटे का समय लगता है. सबसे पहले गेहूं, चना को साफ करके सकायी की जाती है. फिर से साफ करके पिसाई होती है. इसको घी में सेका जाता है. इसके बाद पीसी हुई चीनी मिलाकर सत्तू बनाया जाता है. सिर्फ बीकानेर में ही सावन में सत्तू चलते है और कही पर भी सत्तू नहीं चलते है.

सत्तू की मिठाई विशेष महत्व
शहर में बड़ी तीज पर्व पर सातू का विशेष महत्व और परंपरा है. तीज के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत-उपासना करती है. रात को चन्द्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देने, कजली माता का पूजन कर कथा सुनने के बाद व्रत का पारण करती है. परंपरा अनुसार व्रत करने वाली महिलाएं सातू चखकर बड़ी तीज के व्रत का पारण करती है.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-in-this-city-of-rajasthan-this-special-sweet-is-made-in-sawan-it-has-three-to-four-types-people-even-send-it-to-foreign-countries-8528361.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img