पूर्णिया. कहते हैं जब इंसान को दुख और गरीबी जकड़ लेती है, तो उसे आगे का रास्ता नहीं दिखता. ऐसे समय में उसकी एकमात्र जरूरत पैसा कमाना होता है, चाहे इसके लिए अपने शहर से दूर दूसरे शहर में जाकर, शर्म और हया को पीछे छोड़ना पड़े. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह हर संभव प्रयास करता है. आपने एक कहावत सुनी होगी, “जहां चाह, वहां राह.” अगर आपके इरादे पक्के और हौसला मजबूत हो, तो आप हर काम में सफलता पा सकते हैं और अच्छा पैसा कमा सकते हैं. ऐसी ही कहानी है सहरसा से आए युवा प्रदीप पोद्दार की.
सहरसा से आए युवा प्रदीप पोद्दार ने Bharat.one से बातचीत करते हुए कहा उन्होंने अपनी 9 वी तक पढ़ाई पूरी की है हालांकि नवीं तक पढ़ाई पूरी होने के बाद उनकी आर्थिक हालत काफी कमजोर सी हो गई. जिस कारण उन्हें पैसों की काफी किल्लत होने लगी वही खाने को भी आफत होने लगा इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई को आधी अधूरा छोड़कर ही पैसा कमाने की चाहत में अपने घर और जिला को छोड़ पैसा कमाने पूर्णिया निकल गया.
मात्र ₹30 का मिलेगा चावल छोले, राजमा चावल और कुल्छे
प्रदीप पोद्दार कहते हैं कि वह अपने निज निवास सहरसा से पूर्णिया आकर दिल्ली स्टाइल में दुकान चलाते हैं, हालांकि उनकी यह दुकान पूर्णिया के जेल चौक से आगे पेट्रोल पंप के सामने लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि उनके इस दुकान पर लोगों को 30 रुपए में छोले चावल छोले कुल्छे और राजमा चावल के साथ रायता फ्री दिया जाता है.हालांकि कीमत कम होने के कारण लोग रुक कर इस दुकान पर खाने का स्वाद लेते हैं.और लोग इसके बने खाने को खाकर खूब तारीफ करते हैं.
सुबह-शाम रोजाना लगती है दुकान
दुकानदार प्रदीप पोद्दार कहते हैं की पूर्णिया के लिए यह दुकान बिल्कुल नया है जिसका कारण यहां पर आकर लोग खाते हैं हालांकि अभी उसके दुकान पर रोजाना 100 से अधिक प्लेट की बिक्री हो जाती है.और आने वाले दिन में उसके दुकान पर और भी भीड़ जमा होगा. वही यह दुकान रोजाना सुबह के 9:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक इसी जगह पर लगाते हैं.और आने जाने वाले लोग रुक कर उनके दुकान पर खाकर खूब तारीफ करते हैं.
खाने आये ग्राहकों के भरते पेट, बजट भी कम
वहीं उनके इस दुकान पर खाने आए ग्राहक पवन कुमार ,प्रदीप कुमार, राजेश कुमार एवं मनोहर कुमार सहित सुरेंद्र कुमार सहित अन्य कई ग्राहकों ने बताया कि छोले चावल राजमा चावल खाकर उन्हें काफी अच्छा लगा हालांकि खाने आए ग्राहकों ने कहा कि बड़े-बड़े रेस्टोरेंट या होटल में उन्हें 60 से 70 रुपए का यही खाना खिलाया जाता है .लेकिन वह सड़क किनारे आकर इस दुकान पर ₹30 खर्च कर खाते हैं. वही इस दुकान पर रायता ग्राहकों को मुफ्त पिलाई जाती हैं. जिस कारण ग्राहकों की भीड़ लगी रहती.
FIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 10:28 IST
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